नई दिल्ली: पाकिस्तान से संबंधों में पैदा तनाव के बीच भारत ने सिंधु नदी पर चल रहे परियोजना कार्य को देखने के लिए विशेषज्ञों के पाकिस्तान दौरे का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। सिंधु जल समझौता के तहत दोनों देशों के विशेषज्ञ नदी परियोजनाओं के निरीक्षण के लिए दौरे करते हैं। इस बार भारतीय विशेषज्ञों के पाकिस्तान दौरे की बारी थी।
सिंधु आयोग की लाहौर में 29, 30 अगस्त, 2018 को हुई 115 वीं बैठक में समझौते के अनुरूप दोनों देशों के विशेषज्ञों के दौरे जारी रखने पर सहमति बनी थी।
पाकिस्तानी दल का भारत दौरा अक्टूबर 2018 में प्रस्तावित था, लेकिन जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय के चुनाव के चलते सिंधु नदी पर चल रही परियोजनाओं के निरीक्षण के लिए होने वाला यह दौरा टाल दिया गया था।
जनवरी के अंतिम सप्ताह में पाकिस्तानी विशेषज्ञ भारत आए और जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर पनबिजली परियोजना के कार्य को देखा। तब पाकिस्तान के सिंधु आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह और भारतीय सिंधु आयुक्त पीके सिन्हा ने सलाहकारों के साथ पाकल दल, रेटिल और लोअर कलनाई परियोजनाओं को देखा था।
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने बगलिहार पनबिजली परियोजना को भी देखा था। इसके बाद पाकिस्तानी आयुक्त ने अपने भारतीय समकक्ष को पाकिस्तान आकर सिंधु नदी पर चल रही परियोजनाओं को देखने के लिए आमंत्रित किया था।
भारतीय दल के इसी महीने पाकिस्तान जाने का कार्यक्रम था। लेकिन पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच पैदा तनाव से अब यह दौरा टाल दिया गया है। अब यह दौरा साल भर बाद मार्च 2020 में होने के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंधु नदी के जल बंटवारे के सवाल पर भारत, पाकिस्तान और विश्व बैंक के बीच सन 1960 में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। इसी के चलते दोनों देशों में सिंधु आयोग की स्थापना हुई और तालमेल बनाने का सिलसिला शुरू हुआ था।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद तनाव के बीच भारत ने सिंधु आयोग का पाकिस्तानी दौरा टाला
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