मुंबई। के.सी. महाविद्यालय मुंबई, गोदरेज और बॉयज कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से के.सी. महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय बायोडायवर्सिटी कॉन्क्लेव ‘माय अर्थ 2050 : बीसीएमई 2050’ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुंबई के 18 कॉलेजों के शिक्षक, विद्यार्थी और एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं (एन.जी.ओ.) से सम्बद्ध लगभग 135 प्रतिभागी शामिल हुए। इस संगोष्ठी में प्लांट साइंस रिसर्च राष्ट्रीय संस्थान के अध्यक्ष, प्रोफेसर सरोज बारीक ने अपने वक्तव्य में विलुप्त होने जा रही प्रजातिओं के संरक्षण और संवर्धन के प्रति छात्रों से संगठित हो सतत रूप से प्रयास करते रहने की अपील की। के.सी. महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हेमलता बागला ने अतिथियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण के दौरान डॉॅ. बागला ने सन 2050 में संभावित मानव जाति के विलुप्तीकरण संबंधी शोध का उल्लेख करते हुए कहा कि मानव जीवन को संरक्षित करने के लिए हमें आज से ही जैव-विविधता संरक्षण की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने की जरूरत है। के.सी. कॉलेज की डॉ. सागरिका दामले और गोदरेज कंपनी के तेजश्री जोशी के संयोजन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कॉन्क्लेव में आये हुए वैज्ञानिकों डॉ. रिनीबोर्जेस, डॉ. सविता केरकर, डॉ. निशिथधरैया, डॉ. परवीश पंड्या, डॉ. श्रुति उत्पल आदि ने अपने वक्तव्य के से प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।