कोलकाता:सोमवार शाम कोलकाता में अभूतपूर्व नजारा देखने का मिला। शारदा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर शाम करीब 6.30 बजे सीबीआई की 40 सदस्यीय टीम अचानक कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर छापा मारने पहुंच गई, लेकिन वहां पहले से मौजूद राज्य पुलिस के अफसरों ने उन्हें रोक दिया। सीबीआइ अफसरों को कुमार के घर में नहीं घुसने दिया। यहीं दोनों एजेंसियों के अफसरों के बीच धक्का-मुक्की हुई। यहां तक सीबीआइ अफसरों को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया। करीब तीन घंटे बाद उन्हें छोड़ गया।
तब तक दिल्ली से कोलकाता तक हड़कंप मच गया। इस बीच ममता बनर्जी कुमार के घर पहुंची और उन्होंने केंद्र पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कोलकाता के धरमतल्ला स्थित मेट्रो चैनल के बाहर धरना शुरू कर दिया।
नोटिस पर नहीं पहुंचे थे पुलिस आयुक्त
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण हैं। नोटिस भेजने पर भी वह पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे।
राज्यपाल ने डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया
ममता के मेट्रो चैनल पर धरने पर बैठने के बाद से ही तृणमूल समर्थक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। इस बीच सीबीआइ ने भी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलने के लिए सोमवार को समय मांगा है। राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेजेंगे। दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा भी हरकत में आ गई। भाजपा का प्रतिनिधिदल दिल्ली जाकर इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलेगा।
क्या है मामला
शारदा चिटफंड घोटाले पर राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया था। इसके प्रमुख राजीव कुमार थे। शारदा समूह के मुखिया सुदीप्त सेन और उनकी सहयोगी देवजानी मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआइ पूछताछ में देवजानी ने बताया था कि एसआईटी ने उनके पास से एक लाल डायरी, पेन ड्राइव समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे। तब से ही सीबीआइ उक्त पेन ड्राइव और डायरी को तलाश कर रही है। इसी वजह से इस मामले में राजीव कुमार के बयान को अहम माना जा रहा है।
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को सौंपी जांच
पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा तक फैले शारदा चिटफंड घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में सीबीआइ को सौंपी थी। करीब 2500 करोड़ रुपये के इस घोटाले के आरोपितों के तृणमूल नेताओं से संबंध रहे हैं। इसके साथ ही रोज वैली घोटाले की जांच भी सीबीआइ कर रही है, जो 17000 करोड़ रुपये का है। गायब हैं घोटाले के दस्तावेज कुमार 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने शारदा घोटाले की जांच करने वाले एसआईटी का नेतृत्व किया था। इस मामले से जुड़ी कुछ अहम फाइलें व दस्तावेज गायब हैं।
चिटफंड घोटाले पर सीबीआइ-पुलिस में टकराव, ममता धरने पर
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