डोम्बिवली। तपोमय नक्षत्र आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी सोमलता जी के सानिध्य में दंपति शिविर कार्यशाला का भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुआ।मंगलाचरण सरोज-कन्हैयालाल जी,निधि-सुरेश,प्रियंका-सुरेंद्र ने रिश्तों की बगिया सरसाएं के गीत के माध्यम से किया।
शासन श्री साध्वी सोमलता जी ने मन को छूने वाली ओजस्वी वाणी में दाम्पत्य जीवन को सुखद बनाने के सात सोपान बताते हुए कहा-1 प्रत्येक दंपती एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव रखे।2 Ego यानी अहं को पलायन कर।3 एक दूसरे के प्रति गलतफहमी न रखें।4 सहनशील बनना सीखे।5 क्रोध को नोकर की तरह बुलाये मालिक की तरह नही।6 सकरात्मक सोच रखे।7 प्रतिकूल परिस्थितियों में भी एक दूसरे के सहयोगी बने न कि पलायनवादी बने। आपने आगे कहा आपने स्वभाव को मृदु व मधुर बनाकर सबके साथ एडजस्ट करना सीखे,स्वभाव की मैचिंग से ही सुखद जीवन बिता पाओगे न कि स्थान बदलने से और साथी को छोड़ने से।
साध्वी श्री शकुन्तलाकुमारी जी जाग्रत प्रभाजी ने मौन मुक भावो से प्रेरणा दी,साध्वी रक्षित यशा जी ने हास्यात्मक कविता सुनाई, साध्वीश्री संचित यशा जी ने प्रश्नोत्तर शैली से वर्तमान समस्याओं का समाधान किया।
स्वीटी मेहता ,निकिता इटोदिया ने रोचक ड्रामा से गृहस्थ जीवन का सजीव चित्रण किया।कार्यशाला में सभा अध्यक्ष श्री सुरेशजी सिंघवी,तेयुप अध्यक्ष श्री ललितजी सिंघवी,मंत्री सुरेश बैद,महिलामण्डल संयोजिका सरोजजी सिंघवी की उपस्थिति रही।कार्यक्रम का कुशल संचालन मधु राकेश कोठारी ने किया।आभार मंत्री सुरेश बैद ने किया।
डोम्बिवली में दंपत्ति शिविर कार्यशाला का आयोजन
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