नई दिल्ली:अमेरिका और चीन के बीच शुरु हुई ट्रेड वार में भारत को फायदा अब आंकड़ों में भी दिखने लगा है। दोनों देशों की तरफ से एक दूसरे के उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के बाद से इन दोनों देशों को भारत के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जून से नवंबर 2018 के बीच चीन को होने वाले निर्यात में 32 फीसद और अमेरिका को होने वाले निर्यात में 12 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अमेरिका ने बीते साल जून में चीन के मेटल समेत कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि कर दी थी। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सोयाबीन सहित कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाया था। अमेरिका की देखादेखी कुछ यूरोपीय देशों ने भी चीन से होने वाले आयात को सीमित करने के कदम उठाये थे। उसके बाद से ही माना जा रहा था कि दोनों देशों के बीच छिड़े इस कारोबारी युद्ध का असर वैश्विक कारोबार पर भले ही नकारात्मक हो, लेकिन भारत के लिए इससे नई संभावनाएं पैदा हुई हैं।
निर्यात संगठनों की शीर्ष संस्था फियो के मुताबिक जून से नवंबर 2018 के बीच हुए निर्यात के आंकड़ों से यह अनुमान सही साबित हुआ है। इस अवधि में भारत से चीन को होने वाले निर्यात में करीब 24 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। जून-नवंबर 2017 की अवधि में भारत से चीन को 637.40 करोड़ डॉलर का निर्यात हुआ था। लेकिन दोनों देशों के बीच ट्रेड वार छिड़ने के बाद जून-नवंबर 2018 में चीन को निर्यात बढ़कर 846.40 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा साल 2017-18 में 63.12 अरब डालर तक पहुंच गया था।
निर्यातकों के फेडरेशन फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता का कहना है ‘वैश्विक कारोबार के लिए टैरिफ वार भले ही सही न हो लेकिन भारत के लिए इसने संभावनाएं पैदा की हैं। चीन के साथ साथ अमेरिका को भी हमने निर्यात 12 फीसद बढ़ाया है। अगर दोनों देशों के बीच यह कारोबारी जंग जारी रहती है तो भारत को इसका लाभ लेने के लिए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग क्षमताओं का भी विस्तार करना होगा।’
जून से नवंबर 2018 की इस अवधि में चीन को जिन प्रोडक्ट या कमोडिटी के निर्यात में वृद्धि हुई है उनमें पेट्रोलियम उत्पादों में 180 फीसद, ऑर्गेनिक केमिकल में 76 फीसद, कॉटन यार्न में 36 फीसद, प्लास्टिक रॉ मैटिरियल में 158 फीसद और मैरीन उत्पादों में 340 फीसद की वृद्धि प्रमुख है। गौरतलब है कि भारत ने यह कारोबारी जंग शुरु होने के बाद चीन को होने वाले निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए काफी कदम उठाये थे।
अमेरिका और चीन के व्यापार युद्ध से भारत को मिलने लगा फायदा
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