2050 तक जब दुनिया की आबादी करीब 10 अरब पहुंच जाएगी, तब दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती पेट भरने की ही नहीं बल्कि स्वास्थ्यपरक भोजन की होगी। लांसेट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार लोगों को सेहतमतंद रहने के लिए खानपान में बदलाव के साथ चीनी-नमक की मात्रा आधी करनी होगी।
गुणवत्ता सुधारनी होगी
खुराक की मात्रा के बजाय उसमें मिलने वाले पोषण तत्वों को बढ़ाने के उपाय करने होंगे।
पौष्टिक अनाज के उत्पादन से ही तेजी से बढ़ती आबादी को पोषण देना संभव हो सकेगा।
लोगों को स्वस्थ आहार अपनाने को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने होंगे।
उन्नत तकनीक की मदद से खेती में जमीन और पानी का इस्तेमाल घटना होगा, खाने की बर्बादी भी रोकनी होगी
बीमारियों का बोझ
बीमारियों का बोझ बढ़ाने वाले 11 कारकों में से छह आहार संबंधीं।
अस्वस्थ आहार से बीमारियों और मौतों का आंकड़ा असुरक्षित यौन संबंध व नशीले पदार्थों के सेवन से जाने वाली जानों से कहीं ज्यादा।
खेती में कीटनाशकों, रसायनों का प्रयोग घटाना होगा, समुद्री जीवों के संरक्षण के प्रयास तेज करने पड़ेंगे।
इसलिए जरूरी है बदलाव
3 अरब लोग दुनिया भर में कुपोषण (अल्पपोषण और अतिपोषण, दोनों) के शिकार।
2 अरब से ज्यादा लोग सूक्ष्म पोषक (विटामिन-मिनरल) की गंभीर कमी से जूझ रहे।
82 करोड़ पर्याप्त भोजन न मिलने तो बाकी अस्वस्थ आहार लेने के कारण इसकी कमी झेल रहे।
2.1 अरब वयस्क या तो मोटापे की चपेट में या फिर उनका वजन सामान्य से अधिक।
2 गुना तक बढ़ गई है टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ति मरीजों की संख्या बीते 30 वर्षों में।
खानपान से क्या शामिल करें
सामग्री रोजाना जरूरी
खुराक (ग्राम में) कैलोरी
साबुत अनाज (गेहूं, चावल, मक्का आदि) 232 811.
स्टार्च युक्त सब्जियां (आलू, कंदा, कॉर्न) 50 39.
अन्य सब्जियां (हरी, लाल, पीली सब्जियां) 300 78.
फल (सेब, अनार, केला, संतरा आदि) 200 126.
डेयरी उत्पाद (दूध, दही, मक्खन आदि) 250 153.
रेड मीट 14 30.
चिकन 29 62.
अंडा 13 19.
मछली 28 40.
फलियां 75 284.
मेवे 50 291.
तेल-घी 52 450.
शक्कर 31 120.