नई दिल्ली:लोकसभा में सिटीजन चार्टर बिल 2016 में बहस के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक सिर्फ असम के लिए या किसी खास देश से आने प्रवासियों की बेहतरी के लिए नहीं है। यह बिल उन प्रवासियों के लिए भी है, जो पश्चिमी सीमाओं से आए हैं और राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में बस गए हैं। बहस के दौरान कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया।
लोकसभा में बहस के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि हम एनआरसी के प्रति कटिबद्ध हैं। एनआरसी में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। गैरकानूनी तरीके से देश में आने वाले लोगों से (प्रवासियों) निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। नारेबाजी के बीच उन्होंने कहा कि असम के लोगों के अधिकार, संस्कृति और रोजगार सुरक्षित है। एनआरसी में कोई भेदभाव नहीं है।
राजनाथ ने कहा कि सरकार असम और बोडो लोगों के मुद्दों को उठा रही है। सरकार ने लंबे समय से लंबित मुद्दों के निवारण के उपाय किए हैं। वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहिए। उन्होंने बहस के दौरान असम में दंगों और विरोध का हवाला भी दिया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इसे फिर से सेलेक्ट कमेटी को नहीं भेजा जा सकता है। इसके बाद कई सांसदों ने विधेयक के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया।