नई दिल्ली:सड़क हादसों की बड़ी वजहों में मोबाइल फोन पर बातें करते हुए गाड़ी चलाना शामिल हो चुका है। गौरतलब है कि रोज पांच लोग इसकी वजह से जान गंवा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जाहिर की है। शुक्रवार को दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में संगठन के अधिकारियों ने साल 2020 तक सड़क हादसों से मौत को 50 फीसदी तक कम करने के लक्ष्य पर चर्चा की। भारत में सड़क हादसों की वजह से साल 2017 में 1.47 लाख लोगों ने जान गंवाई। इस हिसाब से हर रोज 405 और हर घंटे 17 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए।
मोटर वाहन संशोधन बिल पर संशय
सड़क सुरक्षा पर काम करने वाले संगठनों ने राज्यसभा में लटके मोटर वाहन संशोधन एक्ट 2017 को वर्तमान में चल रहे शीतकालीन सत्र में अभी तक सूचित न करने पर चिंता जाहिर की है।
मोटर वाहन बिल है इन दिक्कतों का जवाब
मोटर वाहन संसोधल विधेयक में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये तक जुर्माना और हिट एंड रन मामले में दो लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। निर्धारित सीमा से ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाने पर 1000 से 4000 रुपये तक का जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
गड्ढे और स्पीड ब्रेकर भी वजह
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 में गड्ढ़ों की वजह से हर रोज औसतन 17 सड़क हादसे हुए और औसतन सात जानें गईं। वहीं स्पीड ब्रेकर की वजह से 9,583 सड़क हादसे हुए और 3,396 जानें गईं।
बिना हेलमेट रोज 28 लोगों की मौत
देश में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों दो पहिया वाहन चालकों की संख्या सबसे अधिक है। कुल हादसों का ये 33.8 फीसदी हैं। इनमें हर रोज औसतन 28 ऐसे लोग जान गंवाते हैं जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना होता।
मोबाइल हादसे का बड़ा कारण
मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर लोग धड़ल्ले से गाड़ी चलाते हैं। फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाने से औसतन हर रोज औसतन 14 सड़क हादसे हुए, जिनमें रोज औसतन पांच लोगों की जान जाती है।