नई दिल्ली: भारत के कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के इस साल रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने को लेकर हो रही आलोचना पर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि लोगों को ‘व्यक्तिगत पसंद की आलोचना’ करने से बचना चाहिए। युजवेंद्रा सिंह चहल और शिखर धवन ने इस साल रणजी ट्रॉफी नहीं खेला, जबकि भारत के लिए सिर्फ एक प्रारूप में खेलने वाले अंबाती रायुडू ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
धौनी ने टेस्ट क्रिकेट को 2014 में अलविदा कह दिया था। सुनील गावस्कर ने हाल ही में कहा था कि मैच फिट रहने के लिए उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना चाहिए। धौनी ने बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की कॉफी टेबल बुक की लांचिंग के मौके पर कहा, ‘खिलाडि़यों को संभालना जरूरी है। हमें घरेलू सर्किट थोड़ा कम चुनौतीपूर्ण बनाना चाहिए। इसके अलावा टी-20 क्रिकेट और व्यक्तिगत पसंद की भी ज्यादा आलोचना नहीं की जानी चाहिए।
धौनी ने भारतीय टीम के विभिन्न प्रारूपों में प्रदर्शन पर संतोष जताया और ऑस्ट्रेलिया में सफलता का श्रेय गेंदबाजों को दिया। उन्होंने कहा, ‘हम जिस तरह से खेल रहे हैं, मैं काफी खुश हूं। तेज गेंदबाज टेस्ट क्रिकेट में उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट चाहिए, जो चाहें स्पिनर लें या तेज गेंदबाज।’ उन्होंने कहा कि हमारे गेंदबाज 20 टेस्ट विकेट ले रहे हैं और हमारे पास हर टेस्ट जीतने का मौका है।