आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ और दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने 16 अगस्त, 2018 को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली। बेबाक भाषण शैली के लिए मशहूर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘अविवाहित हूं, लेकिन कुंवारा नहीं’ कहकर विस्मित कर दिया था। उनकी शादी से जुड़ा एक और किस्सा सामने आया है।
1962 में कांग्रेस की दो बार की सांसद रहीं सुभद्रा जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव न मानने पर बलरामपुर लोकसभा हराने की धमकी दी। लोकतांत्रिक और सैद्धांतिक मूल्यों की राजनीति करने वाले अटल ने शादी से इनकार करते हुए हार को अपने गले लगा लिया।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथी रहे आरएसएस के पूर्व प्रचारक राजेंद्र सिंह पंकज ने अटल जी से जुड़ी यादों को साझा किया।
उन्होंने कहा कि 1952 में अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से चुनाव हार चुके थे। 1957 में अटल जी को लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ाया गया था। लखनऊ से दूसरे और मथुरा में अटल जी चौथे नंबर पर रहे। बलरामपुर सीट पर करपात्री महाराज के सहयोग से कांग्रेस के हैदर हुसैन को हराकर उन्होंने जीत दर्ज की थी।
1962 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के टिकट पर बलरामपुर सीट से मैदान में थे। इसी दौरान कांग्रेस सांसद सुभद्रा जोशी ने अटल जी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। सुभद्रा जोशी भी अविवाहित थीं। जिस पर अटल ने कहा कि वह आरएसएस की धरोहर हैं। व्यस्तम समय में शादी के लिए वक्त नहीं है। इस बात पर सुभद्रा जोशी काफी नाराज हुईं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को चुनाव हराने की धमकी दे डाली। पूर्व प्रधानमंत्री ने उनकी धमकी को सहजता से स्वीकार कर लिया।
2052 वोटों से सुभद्रा जोशी से चुनाव हारे थे अटल
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अंबाला और करनाल से सांसद रह चुकीं सुभद्रा जोशी को बलरामपुर सीट से अटल बिहारी वाजपेयी के मुकाबले मैदान में उतार दिया। दो बीघा जमीन फिल्म से चर्चा में आए बलराज साहनी ने सुभद्रा जोशी के समर्थन में प्रचार प्रसार किया, जिसकी वजह से 2052 वोटों से सुभद्रा जोशी ने अटल जी को चुनाव हरा दिया।
भाजपा के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय अटल बिहारी वाजपेयी को संसद भेजना चाहते थे। 2 अप्रैल 1962 को वाजपेयी राज्यसभा के जरिये संसद पहुंचे। इसके बाद 1967 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी ने सुभद्रा जोशी को 32 हजार वोटों से हराया।