नई दिल्ली:देश के राज्यों में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के संदर्भ में हुए विकास को आंकने के लिए नीति आयोग ने शुक्रवार को एसडीजी इंडिया इंडेक्स-2018 जारी किया है। इसके मुताबिक असम, बिहार और उत्तर प्रदेश विकास के मामले में सबसे फिसड्डी राज्य साबित हुए हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश, केरल और तमिलनाडु का प्रदर्शन सबसे बेहतर है।
रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य सेवा, भुखमरी दूर करने, लैंगिक समानता और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देने के मामले में केरल का कोई सानी नहीं है। वहीं हिमाचल स्वच्छ जल और साफ सफाई के मामले में सबसे बेहतर रहा। राज्य ने लैंगिक अंतर दूर करने और हिमालीय पर्यावरण को संरक्षित रखने में भी सबसे बेहतर काम किया है।
केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में चंडीगढ़ सबसे बेहतर रहा है। यह उपलब्धि शहर प्रशासन की ओर से लोगों को साफ पेयजल और साफ-सफाई की वजह से मिला है। वहीं गरीबी उन्मूलन के मामले में आंध्र प्रदेश,केरल, मेघालय, मिजोरम और तमिलनाडु शीर्ष के राज्यों में शामिल हैं। शून्य मुखमरी के लक्ष्य को हासिल करने गोवा,केरल, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में उल्लेखनीय काम किया है।
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न संकेतकों पर किए गए का आकलन है। यह वास्तव में सहयोगात्मक एवं प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद का उदाहरण है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स प्रत्येक राज्य और संघ शासित प्रदेशों के विकास का आकलन 62 मानकों पर रकता है। यह वास्तविक तस्वीर पेश करता है।
संयुक्त राष्ट्र ने किया सहयोग
रिपोर्ट को तैयार करने में संयुक्त राष्ट्र ने सहयोग किया है। इंडेक्स में संयुक्त राष्ट्र की ओर से निर्धारित 17 वैश्विक लक्ष्यों में से 13 को शामिल किया गया है। चार लक्ष्यों को आंकड़ों की अनुपलब्धता के कारण शामिल नहीं किया गया है।