मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि यह सरकार के लिए विदाई का अधिवेशन नहीं, बल्कि राज्य के विकास और अगले चुनाव में जीत का दृढ़ निश्चय करने वाला अधिवेशन है। मुख्यमंत्री जी विधान परिषद से सेवानिवृत्त हुए सदस्यों के विदाई समारोह में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान परिषद वरिष्ठ एवं सम्माननीय सदन है. उच्च सदन की एक गरिमा होती है. इससे पहले रोजगार गारंटी योजना के जनक वि. एस. पांगे जी, जयंतराव तिलक जी , आर. एस. गवई, एन. एस. फरांदे जी, प्रमोद नवलकर जी, नितिन गडकरी जी, शरद पवार जी और गंगाधर फडणवीस जी जैसे नेता इस सदन के सदस्य रह चुके है। स्वतंत्रता-पूर्व युग के दौरान, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जी भी इस सदन के सदस्य रह चुके है। इस हॉल में अनेक विषयों पर गहन चर्चा का अवसर मिलता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अगर हम बाहर बात करने के बजाय हॉल के अंदर आकर बात करें तो हम लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
सेवानिवृत्त होने वाले सभी सदस्यों ने सार्वजनिक मुद्दों को उठाकर इस सदन की प्रतिष्ठा को बढ़ाया और इसकी पवित्रता को बरकरार रखा। इस हॉल में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोग आते हैं और अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखते हैं। विधायक सुरेश धस जी ने लंबे समय तक सरपंच से लेकर राज्य मंत्री तक काम किया। सुरेश धस ने सभी विषयों का अभ्यास किया है। उनके इस भाषण से कई लोग हैरान रह गए। विधायक पोटे जी भी सभी कार्यों में निपुण हैं। एक दराडे गए, दूसरे दरादे आएंगे। डॉ. रामदास अंबिटकर जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम किया है, मुख्यमंत्री ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि जो सदस्य सदन को पूरा समय देता है। जो दूसरों का भाषण सुनता है वह अच्छा सांसद बनता है। उसके लिए आपको पढ़ना होगा। कुछ सदस्य प्रारंभ से अंत तक समय भी देते हैं। कई सदस्य बोलते हैं, सवाल पूछते हैं। सभी सदस्य यहां जनता को न्याय दिलाने के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों को जनता की सेवा के लिए इस सदन में दोबारा आने का प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री जीने उम्मीद जताई कि नये सदस्य जनता के सवालों का जवाब देने का काम करेंगे।
विधान परिषद से सेवानिवृत्त सदस्यों की विदाई पर सीएम शिंदे का विपक्ष पर निशाना
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