विकास धाकड़/कांदिवली (मुंबई)। आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी श्री विद्यावतीजी’ द्वितीय’ ने अपनी सहवर्ती साध्वी प्रियंवदाजी साध्वी श्री प्रेरणाश्रीजी एवं साध्वी श्री मृदुयशाजी के साथ करीब अठारह महिनों का लंबा प्रवास व्यतीत कर सोमवार को दोपहर में भव्य जुलुस एवं जयकारों के साथ कांदिवली तेरापंथ भवन से विहार किया।सैकडों भाई बहिनों ने साध्वीश्री विद्यावतीजी के स्वस्थ स्वास्थ्य की मंगलकामना अभिव्यक्त की।
आचार्यप्रवर ने साध्वीश्रीजी का चतुर्मास दादर फरमाया है। साध्वी वृंद मलाङ, गोरेगांव जोगेश्वरी, विलेपार्ले होते हुए दादर पधारेंगें। कांदिवली से विहार करने से पूर्व मंगल भावना समारोह आयोजित किया गया उसमें डॉ:साध्वी श्री मंगलप्रसाजी आदि साध्वी वृंद का सान्निध्य भी प्राप्त हुआ।
साध्वी विद्यावतीजी ने किया कांदिवली से मंगल विहार
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