दुबई:इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के डिस्प्यूट पैनल ने बुधवार (19 दिसंबर) को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को हर्जाना भरने का आदेश दिया है। पाकिस्तान को मुआवजा मामले में बीसीसीआई द्वारा मांगे गए हर्जाने का 60 प्रतिशत भुगतान करने का आदेश दिया है। आईसीसी की डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन कमेटी में बीसीसीआई ने पीसीबी के खिलाफ केस को लड़ने में किए गए 15 करोड़ के खर्च की मांग की थी। बीसीसीआई ने एक पत्र लिखकर पीसीबी से 15 करोड़ रुपए की वसूलने की मांग की थी।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने द्विपक्षीय क्रिकेट को लेकर हुए समझौते का सम्मान नहीं करने पर बीसीसीआई के खिलाफ मुआवजे का दावा किया था, जिसे आईसीसी ने खारिज कर दिया था। अब इसके एक महीने बाद आईसीसी ने दोनों बोर्ड के लिए खर्चों का भुगतान तय कर दिया है।
बता दें कि पीसीबी ने बीसीसीआई पर आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के साथ भारतीय टीम के बाइलेटरल सीरीज नहीं खेलने की वजह से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। पीसीबी चाहता था उसके नुकसान की भरपाई बीसीसीआई करे जिसे आईसीसी ने सही नहीं माना।
आईसीसी ने अपने फैसले में कहा, ”पैनल पीसीबी को हर्जाने तथा प्रशासनिक खर्च और पैनल के खर्चों का 60 प्रतिशत बीसीसीआई को भुगतान करने का आदेश देता है। पैनल का यह फैसला बाध्यकारी है।
दूसरी तरफ, पैनल ने बीसीसीआई को भी प्रशासनिक खर्च और पैनल के खर्चों का 40 प्रतिशत भुगतान करने के लिए कहा गया है। फैसले में उस धनराशि का जिक्र नहीं है जिसका दावा भारतीय बोर्ड ने किया था।
पीसीबी ने बीसीसीआई पर आरोप लगाया था कि उसने 2015 से 2023 तक छह बाइलेटरल सीरीज खेलने से संबंधित समझौता ज्ञापन का सम्मान नहीं किया। उसने बीसीसीआई से 447 करोड़ रुपए मुआवजे के दावे की मांग की थी।
बीसीसीआई ने कहा था कि यह समझौता ज्ञापन बाध्यकारी नहीं था और यह मायने नहीं रखता क्योंकि पाकिस्तान आईसीसी के लिए भारत के राजस्व ढांचा के समर्थन की प्रतिबद्धता का सम्मान करने में असफल रहा था।
आईसीसी ने इसके बाद पीसीबी के मुआवजा दावे पर गौर करने के लिए तीन सदस्यीय डिस्प्यूट पैनल का गठन किया। इसकी सुनवाई एक से तीन अक्टूबर के बीच आईसीसी मुख्यालय में हुई थी।