मीरारोड व भायंदर (मुम्बई)। परम पूज्य परम पावन युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी श्री पुण्ययशा जी आदि ठाणा 4 के सान्निध्य में गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी का 28 वां महाप्रयाण दिवस तेरापंथ महिला मंडल मीरारोड व भायंदर द्वारा “विसर्जन दिवस” के रूप में मनाया गया ।
साध्वी श्री पुण्ययशा जी ने फरमाया – धर्म का वंश कौन चलाता है निर्ग्रंथ । आ. तुलसी ने अपने पद का विसर्जन कर निर्ग्रन्थता का परिचय दिया। सब आचार्यों ने समय समय पर परिवर्तन किये। किन्तु आचार्य तुलसी ने परिवर्तन कर धर्म संघ को अंतरराष्ट्रीय स्थर पर पहुचा दिया ।कपडे धोने का कार्य गुरूदेव तुलसी ने शुरू किया।दिल्ली मे एक बार एक सम्मेलन मे सर्वोदयी नेता जयप्रकाश ने गुरुदेव के सामने माईक रख दिया लेकीन गुरुदेव ने कहा जब तक मै संघ मे परामर्श नहीं करूंगा तब तक मे निर्णय नहीं ले सकता ।
साध्वी श्री वर्धमान यशाजी ने बताया कुछ लोग जन्म से महान होते है कुछ लोग अपने व्यक्तित्व ओर कृर्तत्व से महान होते है आचार्य श्री तुलसी स्वपन द्रष्टा थे भविष्य द्रष्टा थे उन्होंने खुली आखो से स्वपन देखे ही नही अपितु उनको साकार किया। साध्वी श्री बोधीप्रभा जीने सुमूधुर गितिका का संगान किया।
आयोजन का शुभारंभ साध्वीश्री पुण्ययशा जी ने नमस्कार मंत्र द्धारा किया। सर्वप्रथम मीरारोड महिला मंडल ने तुलसी अष्टकम् का संगान किया। भायंदर महिला मंडल ने प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया। मीरारोड अध्यक्ष प्रेमलता जी रांका ने सभी का स्वागत किया।
मीरारोड से उपाध्यक्ष उपासिका मीनाजी बडा़ला , रेखाजी खाब्या व भायंदर से अध्यक्ष उर्मिला जी हिंगड , उपाध्यक्ष मनिषा दुगड़ बहनों ने अपने वक्तव्य की प्रस्तुति दी। मंत्री अरुणा मेहता ने आभार ज्ञापन किया व प्रोग्राम का कुशल संचालन मीरारोड उपाध्यक्ष नितुजी सिरोहिया ने किया।
मीरारोड में विसर्जन दिवस का आयोजन
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