बस्ती, उत्तर प्रदेश :- उचित दर विक्रेता (कोटेदार) की दुकान के चयन में ग्राम प्रधान विमला देवी समेत अन्य ग्रामीणों ने जबरन हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया है । ग्राम प्रधान विमला देवी एवं पांच अन्य स्वयं सहायता की महिलाओं ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी हर्रैया विनोद कुमार पाण्डेय को ज्ञापन सौंपकर उचित दर विक्रेता (कोटेदार) की दुकान के चयन में धांधली की जांच की मांग किया है।
आपको बता दें कि विकासखण्ड गौर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत कुर्दा में उचित दर विक्रेता की दुकान निलंबित है। वर्तमान समय में उचित दर विक्रेता की दुकान खाली है। उचित दर विक्रेता की दुकान के लिए ग्राम पंचायत में कई बार बैठक की गई थी लेकिन निष्पक्ष रूप से किसी समूह की महिला “उचित दर विक्रेता” की दुकान का चयन नही हो पाया था। छठवीं बार दिनांक – 01-03-2024 को ग्राम पंचायत कुर्दा में उचित दर विक्रेता की दुकान के लिए बैठक की गई। ग्राम पंचायत के बैठक में सचिव कृष्णानंद शाह, एडीओं आईएसबी महेन्द्र सिंह, नायब तहसीलदार अजीत सिंह, बीएमओं अखिलेश, ग्राम प्रधान विमला देवी बैठक में थे। बैठक में पांच स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सम्मिलित थी। अम्बेडकर, सरस्वती, गुलाब आदि स्वयं समूह सहायता वर्ष 2020 में संचालित हुआ था जब कि शिव एवं रोशनी स्वयं सहायता समूह वर्ष 2022 में संचालित हुआ था। शासनादेश के अनुसार उचित दर विक्रेता की दुकान के लिए 03 वर्ष पुराना स्वयं सहायता समूह का संचालन होना चाहिए । बैठक में उपस्थित जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से शासनादेश के विरुद्ध जबरन स्वयं सहायता समूह की महिला का चयन उचित दर विक्रेता की दुकान (कोटेदार) के लिए किया गया है जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सचिव कृष्णानंद शाह समेत अन्य किसी उपस्थित अधिकारी द्वारा उचित दर विक्रेता की दुकान के लिए एजेंडा नही पढ़कर बैठक में सुनाया गया और न ही उचित दर विक्रेता की दुकान के चयन के बारे में कोई जानकारी ग्रामीणों को दिया गया। जबरन ग्रामीणों से कार्यवाही रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवा लिया। जब तक ग्रामीण हस्ताक्षर के बारे में जानकारी प्राप्त करते तब तक सचिव समेत अन्य अधिकारी कार्यवाही रजिस्टर लेकर फरार हो गए। ग्राम प्रधान विमला देवी एवं अन्य ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से मनमानी तरीके से की गयी उचित दर विक्रेता की दुकान की जांच कर चयनित उचित दर विक्रेता की दुकान को निरस्त करने की मांग किया है। ज्ञापन देते समय ग्राम प्रधान विमला देवी, विहोत्मा भारती, शीला देवी, राधिका, उषा देवी, माया देवी, विमला, तारावती, गुड़िया, प्रिया, हीरा, आसमा, सुनीता, प्रमिला आदि भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे ।
सरकारी राशन की दुकान के चयन में ग्रामीणों ने जबरन हस्ताक्षर कराने का लगाया आरोप
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