वाशी। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सानिध्य में वाशी की पावन धरा पर श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी मुंबई सभा के तत्वावधान में मर्यादा महोत्सव के द्वित्तीय दिवस पर मुंबई ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने संवाद मय गीतिका द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र पर प्रस्तुति दी। जिसकी रूपरेखा मुंबई आंचलिक संयोजिका अनिता जी परमार, सह संयोजिका राजश्री जी कच्छारा एवं विभागीय संयोजिका अंजु जी चौधरी ने तैयार की।
इस प्रस्तुति के माध्यम से ज्ञानशाला की 80 प्रशिक्षिकाओं और 4 ज्ञानार्थियों ने बहुत ही सरल तरीके से श्रावकों को उनकी मर्यादाओं से अवगत कराया और संघनिष्ठ बनने की प्रेरणा दी।
मुंबई ज्ञानशाला ने अपने अविस्मरणीय पलों को अर्पण प्रतिवेदन में समाहित कर गुरु चरणों में कृतज्ञता स्वरूप भेंट किया। इस प्रतिवेदन को मुंबई सभा के अध्यक्ष मदन जी तांतेड़, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूलाल जी बापना, कार्याध्यक्ष नवरतन जी गन्ना, मंत्री दीपक जी डागलिया, ज्ञानशाला के राष्ट्रीय संयोजक सोहनराजजी चोपड़ा एवं ज्ञानशाला प्रायोजक चांदरत्न जी दुगड़ जी ने गुरुदेव को समर्पित किया।
अर्पण प्रतिवेदन के अंतर्गत ज्ञानशाला गुरु दर्शन यात्रा के साथ गुरुदेव के महाराष्ट्र प्रवेश से लेकर अब तक मुंबई ज्ञानशाला द्वारा आयोजित कार्यक्रम, जोन स्तरीय सेवा एवं मुंबई की सभी ज्ञानशालाओं ने आचार्य श्री के सानिध्य में जो भी कार्यक्रम किए उनका फोटो सहित संकलन किया गया। इसमें मुंबई ज्ञानशाला से शीतल जी सांखला, रिंकु जी परमार, नयना जी धाकड़ और चंचल जी परमार का विशेष सहयोग रहा।
मर्यादा महोत्सव के अवसर पर मुंबई ज्ञानशाला द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र पर प्रस्तुति
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