धुलिया। श्री राम सीता संस्कार शिक्षण,समिती द्वारा संचालित उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। उपस्थित शिक्षक बंधुओं एवं विधार्थियों को संबोधित करते हुए विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने उन्हें स्वच्छता का संकल्प दिलाया। साध्वीश्री जी ने कहा– विद्यालय का अनुशासन काफी अच्छा है। प्रवचन के प्रति उनकी तन्मयता एवं निष्ठा सराहनीय है।
मुख्य वक्ता डा. योगक्षेमप्रभाजी ने अपने प्रेरणादायी वक्तव्य में कहा- आज मां शारदा के मन्दिर में आकर बड़ी प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। विधार्थी राष्ट्र के भावी कर्णधार है। जीवन की बुनियाद जितनी मजबूत होगी, इमारत उतनी ही सुदृढ़ बनेगी। जीवन की खुबसूरती के लिए प्रारंभ से ही ध्यान देना जरूरी है। नैतिकता ,नशामुक्ति एवं सद्भावना के पैगाम को लेकर आचार्य श्री महाश्रमणजी अंहिसा यात्रा कर रहे हैं। उन्हीं के संदेश को लेकर हम आपके कासमपुरा में आए हैं।
विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी आपको स्वस्थ जीवन की आचार संहिता लिखाने कहाँ आई है। हमें न नोट चाहिए, न ही वोट और न फ्लोट चाहिए। सिर्फ आपके जीवन की जो खोट है। उसे हमारी झोली में डाल दें। आपका जीवन तेजस्वी बने, स्वस्थ एवं संतुलित बने, इसलिए विधार्थी अणुव्रत आचार संहिता एवं शिक्षक अणुव्रत आचार संहिता का पालन करना जरूरी है। साध्वीश्री ने इस मौके पर सभी बच्चों को नशा नहीं करना, भोजन करते समय टीवी नहीं देखना तथा स्वच्छता का संकल्प करवाया, जिसे बच्चों ने बड़ी प्रसन्नता के साथ एक बार एक स्वर में स्वीकार किया।
साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी ने अपने अणुव्रत गीत का संगान किया। विद्यालय के प्रधान अध्यापक श्री बोरसे ने साध्वीवृंद का स्वागत करते हुए उनके प्रति ह्रदय से कृतज्ञता प्रकट की।श्री बोरसे ने कहा – यह पहला अवसर है जब किसी जैन साध्वी से हमें जीवन की यह पहला अवसर है जब किसी जैन साध्वी से हमें जीवन की यह अनमोल शिक्षाएं प्राप्त हुई है। हम आपको विश्वास दिलातें है कि हमारे बच्चे और हम सब इस पर अमल करेंगे। इस अवसर पर डॉ. जैन एवं धुलिया का श्रावक समाज विशेष रूप से उपस्थित था।
कासमपुरा उच्च माध्यमिक विद्यालय में गूंजी अणुव्रत की आवाज
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