- तीन दिवसीय प्रवास में आयोजित होगा वर्धमान महोत्सव
डोंबिवली। घोड़बंदर रोड स्थित नंदनवन में ऐतिहासिक पांच मासिक चातुर्मास संपन्न करने के पश्चात अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी पैदल विहार करते हुए बृहत्तर मुंबई के उपनगरों में ज्ञान गंगा प्रवाहित कर रहे है। इसी कड़ी में डोंबिवली में कल आचार्य श्री का पदार्पण होने जा रहा है। जहां तीन दिन के प्रवास में वर्धमान महोत्सव का समायोजन होगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। सकल समाज में आचार्यश्री के आगमन को लेकर उत्साह का माहौल है। ज्ञातव्य है की वर्धमान महोत्सव मर्यादा महोत्सव से पूर्व की कड़ी है। आचार्यश्री नवी मुंबई वाशी में फरवरी माह में 160 वां मर्यादा महोत्सव करेंगे।
क्या है वर्धमान महोत्सव
मर्यादा महोत्सव से पूर्व गुरुकुल सन्निधि में अन्य क्षेत्रों से विहार कर आने वाले साधु–साध्वियों की संख्या बढ़ जाती है। यह महोत्सव धर्मसंघ की वर्धमानता का प्रतीक है। डोंबिवली प्रवास के दौरान आचार्य श्री के साथ 42 साधु एवं 37 साध्वियां भी प्रवास करेंगे।
2003 में आएं थे आचार्य श्री महाप्रज्ञ
डोंबिवली क्षेत्र धार्मिक गतिविधियों में मुंबई का अग्रणी क्षेत्र है। सैकड़ों की संख्या में यहां जैन तेरापंथ समाज के परिवार निवास करते है। सन 2023 में तेरापंथ के दसवें आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने डोंबिवली में प्रवास कराया था। उस दौरान आचार्य श्री महाश्रमण जी युवाचार्य रूप में थे। इस बाद आचार्य श्री महाश्रमण ने यहां वर्धमान महोत्सव की घोषणा की है।
तब के अंकित–मयंक अब गुरु के साथ आएंगे अपनी जन्म भूमि पर
डोंबिवली क्षेत्र से दो मुनि भी आचार्य श्री के साथ है। भ्राता द्वय मुनि अनुशासन कुमार जी, मुनि मृदु कुमार जी (पूर्व नाम अंकित–मयंक डागलिया) ने 10–9 वर्ष की अल्प आयु में सन 2007 में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के करकमलों दीक्षा ग्रहण की थी। दीक्षा लेने के बाद प्रथम बार वह भी लगभग सतरह वर्ष बाद अपनी जन्म भूमि पर आचार्य श्री के साथ आएंगे। गौरतलब है की दोनों मुनि अपने माता–पिता की इकलौती संतान है। दोनों ने सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम पथ अपना लिया।