- भाजपा ने इस निर्णय की आलोचना की, कहा करोडो भारतीयों की आस्था पर ठेस
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पार्टी नेतृत्व को अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने का आमंत्रण मिला है लेकिन यह आयोजन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) कर रहा है इसलिए पार्टी नेताओं ने इस कार्यक्रम में नहीं जाने का निर्णय लिया है। भाजपा ने कांग्रेस के इस निर्णय को नफरत की राजनीति बताया और कहा कि कांग्रेस ने करोड़ों भारतीयों की आस्था को ठेस पहुंचायी है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, “ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण मिला। भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है और एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “वर्ष 2019 के उच्चतम न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए और लोगों की आस्था के सम्मान में श्री खडगे, श्रीमती गांधी और श्री अधीर रंजन ने भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।”
भाजपा के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने बुधवार को यहाँ संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राणप्रतिष्ठा’ समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की द्रमुक ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात की। फिर श्री शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम को मांस खाने वाला घोषित कर दिया। आज कांग्रेस पार्टी ने प्राणप्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।