- जांच लंबित रहने तक उपमुख्यमंत्री पदमुक्त करने की मांग की
मुंबई। पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर ने पुणे की येरवडा में सरकारी जमीन को लेकर जो आरोप लगाए हैं, वे बेहद गंभीर है। बोरवणकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि तत्कालीन पालक मंत्री अजीत पवार ने एक प्राइवेट बिल्डर को यह सरकारी जमीन देने के लिए मुझ पर दबाव बनाया था। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है कि मीरा बोरवणकर द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों की जांच हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश पृथ्वीराज चव्हाण से कराई जाए और जांच होने तक उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को कार्यमुक्त किया जाए।
इस संबंध में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मीरा बोरवणकर का यह आरोप कि येरवडा के पुलिस विभाग की जमीन बिल्डर को दिलाने के लिए तत्कालीन पालक मंत्री ने कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सत्र में हम सरकार से इसका उत्तर मांगेंगे। अगर हम जांच की मांग करेंगे भी तो यह सरकार उसकी जांच कैसे करेगी? इस मामले में ‘दाल में कुछ काला है’,अन्यथा सभी दालें काली हैं। बोरवणकर ने किताब में लिखा है कि कैसे अजीत पवार ने अपने करीबी बिल्डर शाहिद बलवा को सरकारी जमीन देने के लिए उन पर दबाव डाला था । आज मीरा बोरवणकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए हैं। पटोले ने यह भी कहा कि अगर सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से ही करानी चाहिए, तभी सारी सच्चाई सामने आएगी।