महाराष्ट्र की राजनीतिक उठापटक के बीच शिवसेना शिंदे गुट के नेता व उद्योगमंत्री उदय सामंत ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की जमकर आलोचना की और कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना चाहते हैं कि फैसला जल्द से जल्द घोषित किया जाए, लेकिन उद्धव ठाकरे का गुट देरी करके अपना पाप हम पर थोपने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि 55 विजयी उम्मीदवारों में से 76% वोट हमारे व सीएम शिंदे के साथ उद्धव ठाकरे के साथ सिर्फ 23.5% है।
उदय सामंत ने आगे कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित विधायक अपात्रता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला सुनाया है। इसमें उन्होंने कुछ बातें साफ तौर पर कही हैं. इसमें उन्होंने कहा है कि अगर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया होता और फ्लोर टेस्ट का सामना किया होता तो शायद सुप्रीम कोर्ट इस बारे में कुछ कर सकता था. लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण उनकी सरकार पुनः स्थापित करना कतई संभव नहीं होगा, ऐसा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया। चुनाव आयोग ने भी यह कहा है कि 55 विजयी उम्मीदवारों में से 76% वोट हमारे साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ और 23.5% वोट उद्धव ठाकरे के साथ हैं। बड़ी संख्या में हलफनामे भी एकनाथ शिंदे के साथ हैं और कुछ हद तक उद्धव ठाकरे के पास है। विधायक अपात्र हैं या नहीं इसका फैसला स्पीकर यानी विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर करेंगे, ऐसा चुनाव आयोग ने कहा। लेकिन हम पर आलोचना भी हो रही है कि हम जानबूझकर देरी कर रहे हैं. लेकिन हमने देरी नहीं की, ये सब किया है उद्धव ठाकरे की पार्टी ने जो हम पर आरोप लगा रहे हैं। सभी पिटीशन को एक साथ किया जाए, हमने यह आवेदन दायर नहीं किया था। हमारे पास दस्तावेजों की कमी होने के कारण हमें दस्तावेज प्राप्त करने के लिए और समय चाहिए, यह आवेदन भी हमने दायर नहीं किया था, यह सारे आवेदन उद्धव ठाकरे की पार्टी द्वारा दायर किये गए थे। चूंकि हमारे पास सभी कानूनी दस्तावेज हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि 55 विधायकों की पात्रता के बारे में फैसला जल्द से जल्द आए, लेकिन उद्धव ठाकरे गुट जानबूझ कर समय बर्बाद करके, उनका पाप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना पर थोप रहा है। यह उनका फैशन बन चुका है, ऐसे कड़े शब्दों में शिवसेना नेता और उद्योगमंत्री उदय सामंत ने उद्धव ठाकरे गुट की कड़ी आलोचना की।
उदय सामंत ने आगे कहा की, विपक्ष बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर हम पर आरोप लगा रहा है कि हमारी सरकार आरे कारशेड को वापस कांजूर मार्ग ले जा रही है। इसमें बिलकुल कोई सच्चाई नहीं है। वास्तव में आरे कारशेड और कांजुर मार्ग कारशेड के बीच कोई सम्बन्ध नहीं है। आरे में जो कारशेड बनाया जा रहा है वह मेट्रो 3 का है, जो भूमिगत मेट्रो का कर कारशेड है। इसका काम एमएमआरसीएल कर रही है। दूसरी और कांजूर मार्ग पर जो कारशेड बनाया जा रहा है, वह मेट्रो ६ का कारशेड है। उसका काम एमएमआरडीए के माध्यम से किया जा रहा है। मेट्रो 6 और मेट्रो 4 (जो ठाणे में बन रहा है) एमएमआरडीए के अधीन हैं, जिसके प्रमुख स्वयं मुख्यमंत्री है और प्रशासक संजय मुखर्जी हैं, जबकि एमएमआरसीएल के तहत काम करने वाली मेट्रो 3 की प्रमुख अश्विनी भिड़े हैं। इसलिए विरोधियों के आरोपों में कोई तथ्य नहीं है. चिल्ला-चिल्लाकर, छाती पीट कर जब झूठ बोला जाता है तो लोग उसे सच मान लेते हैं और चिल्लाने वाले को भी लगता है कि वह सच बोल रहा है। हम पर ऊँगली उठाने से पहले कुछ दिन पहले हमने उनसे मुंबई महानगरपालिका में हुए बॉडी बैग घोटाले के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कोविड सेंटर में घोटाले हुए हैं, उस पर सवाल किया, लेकिन वे उस पर भी कोई टिप्पणी नहीं करते। राज्य में विकास होता देख नहीं सकते, इसलिए उनके पेट में दर्द हो रहा है, ऐसा कह कर उदय सामंत ने उद्धव ठाकरे गुट पर तंज कसा।
55 विजयी उम्मीदवारों में से 76% वोट हमारे व सीएम शिंदे के साथ उद्धव ठाकरे के साथ सिर्फ 23.5% हैंः उदय सामंत
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