नई दिल्ली:सरकार में सहयोगी दल शिवसेना के साथ ही विपक्षी दलों कांग्रेस, तेलुगुदेशम पार्टी और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के अलग-अलग मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा में लगातार दूसरे दिन कोई कामकाज नहीं हो सका। सुबह दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई वैसे ही तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्य अपनी-अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सबको उनकी बात रखने का मौका दिये जाने का आश्वासन देते हुये उनसे अपने-अपने स्थान पर वापस जाने का अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं मानें। इस बीच कांग्रेस तथा शिवसेना के सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने हाथों में अपनी मांगों की तख्तियां भी ले रखी थीं।
कांग्रेस के सदस्य जहां राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितताओं की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहे थे, वहीं शिवसेना जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर निमार्ण को लेकर अड़ी हुई है। तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुरूप राज्य में विकास कार्यों के लिए धन की मांग कर रहे हैं। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल बंटवारे और किसानों के मुद्दों पर हंगामा कर रहे हैं।
बुधवार को भी इन दलों ने इन्हीं मुद्दों को लेकर हंगामा किया था जिसके कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका था।
शोर-शराबे के बीच ही महाजन ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की और शिवसेना के आनंद राव अड़सुल और भारतीय जनता पार्टी की मीनाक्षी लेखी को उनकी बात रखने का मौका दिया। इस बीच कांग्रेस के सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के करीब आ गये। कुछ देर समझाने-बुझाने के बाद भी हंगामा कर रहे सदस्य शांत नहीं हुये तो श्रीमती महाजन ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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