नई दिल्ली:विधानसभा चुनावों में हार देख चुकी भाजपा ऐसे उपायों पर फोकस करने का मन बना रही है, जिसके जरिए 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर बदली जा सके। इसके लिए सरकार मौजूदा आर्थिक योजनाओं की समीक्षा कर जल्द एक नए रोडमैप के साथ आ सकती है।
सूत्रों ने बताया कि नए रोडमैप के तहत सरकार का फोकस लोगों का आर्थिक तौर पर राहत देना है। इसके अलावा अंतरिम बजट में लोगों को लुभाने वाले ऐलान करना होगा। यही नहीं केंद्र सरकार पुरानी योजनाओं की समीक्षा कर उन्हें और प्रभावी तरीके से लागू करवाने का मन बना रही है। बजट में किसानों और छोटे कारोबारियों को राहत देने वाले बड़े ऐलान संभव है। साथ ही आम करदाताओं को राहत देने के लिए रोडमैप का भी ऐलान संभव है। यूं तो फरवरी में पेश किया जाने वाला बजट अंतरिम होगा, लेकिन जानकारों के मुताबिक अंतरिम बजट में भी बड़े ऐलान करने पर कोई रोक नहीं है।
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक सरकार अंतरिम बजट में जिस हिसाब से चाहे वैसे ऐलान कर सकती है। साथ ही पूर्व वित्त सचिव एस नारायण ने बताया कि सरकारें पहले भी अंतरिम बजट में बड़े ऐलान करती रही हैं और ऐसा करना गैर संवैधानिक नहीं है। हालांकि उन्होंने ऐसे ऐलानों की मंशा पर जरूर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो भी सरकार अंतरिम बजट पेश करती है, उन ऐलानों को पूरा करने के लिए उसके पास समय नहीं होता है। ऐसे में इस तरह के ऐलान महज जुमले बन कर रह जाते हैं। अंतरिम बजट की सीमाएं सरकार भी जानती है। ऐसे में वो मौजूदा संसद सत्र का फायदा उठाकर भी कानूनी बदलाव संभव हैं, जिससे देश की बड़ी आबादी की जेब में ज्यादा पैसे पहुंचे या जो पैसे हैं उनकी बचत बढ़ सके।
बढ़ सकती है न्यूनतम पेंशन
सरकार असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन और बीमा के जैसी सुविधाओं को लेकर सोशल सिक्योरिटी कोड भी जल्द ला सकती है। न्यूनतम पेंशन की रकम 1000 से बढ़ाकर 2000 रुपए करने का फैसला भी चुनाव से पहले संभव है।
ग्रेच्युटी सीमा घटाने पर विचार
मजदूर संगठनों की लंबे समय से ग्रेच्युटी की सीमा घटाने की मांग मान कर सरकार नौकरीपेशा लोगों को खुश करने पर विचार कर रही है। सरकार अगले हफ्ते होने वाली जीएसटी की बैठक में रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं पर दरें घटाने पर भी विचार करेगी।
बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान संभव, बढ़ सकती है न्यूनतम पेंशन भी
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