पर्वत पाटिया। आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी हिमश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्वावधान में तप अभिनन्दन समारोह का कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी वृनद के मंगलाचरण से हुआ।
साध्वी हिमश्री जी अपने मंगल उद्धबोधन में कहा तपस्या वयक्ति की अन्तर्मुखी चेतना का जागरण करती है तपस्या एक साधना है वृतीयों के शोधन की। शासन श्री साध्वी रमावती जी ने कहा जैन धर्म में त्याग व तपस्या का बहुत महत्व है। साध्वी वृन्द द्धारा गितीका का सामुहिक गितीका का संघान किया। साध्वी प्रमुखा श्री जी द्धारा प्राप्त संदेश का वाचन साध्वी चैतन्ययशाजी द्धारा किया। सभा के मंत्री प्रदीप जी गंग द्धारा अभिनन्दन पत्र का वाचन किया। सभी तपस्वीयों के परिवारो द्धारा अभिव्यक्ति दी।
सभा अध्यक्ष गोतम जी तेयुप अध्यक्ष दिलीप जी व महिला मंडल से भुतपूर्व अध्यक्षा मनोज देवी गंग द्धारा तपस्वीयों के प्रति भाव वयक्त किया। तपस्या के क्रम में हेमराज जी छाजेङ 35 , सुरज मल जी पुगलीया 21 , भावना खिवेसरा 15 , ज्योति बाफना 11 , राजेन्द्र जी सेठीया 8 , विनय जैन 8, अनोप सेठीया 8, कृतज्ञ बाफना ने 8 की तपस्या का साध्वी श्री जी से प्रत्याख्यान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी मुक्ति यशा जी ने किया। तपस्वीयों की अनुमोदना में अनेक भाई -बहिनों ने तेले की तपस्या का संकल्प किया।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा- पर्वत पाटीया द्वारा तपोभिनन्दन
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