राजाराजेश्वरी नगर। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद राजाराजेश्वरी नगर, विजयनगर, हनुमंत नगर (ऐचबीएसटी), यशवंतपुर ने सामूहिक रूप में विजयनगर स्थित अर्हम भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री दीप कुमारजी ठाणा-2 के सानिध्य में “जैन धर्म के मुख्य पर्व पर्वाधिराज पर्युषण” के तृतीय दिन “सामायिक दिवस” के अवसर पर अभिनव सामायिक के कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया। मुनिश्री दीप कुमारजी ने कहा सामायिक का तात्पर्य है अपने में रमण करना, अपने साथ जीना। सामायिक से बाहर और भीतर का संतुलन स्थापित होता है तथा सही दृष्टिकोण का निर्माण होता है। अभिनव सामायिक की शुरुवात आचार्य श्री तुलसी ने जन सामान्य में एकरूपता से समता की साधना के विकास हेतु की। अभिनव सामायिक के अंतर्गत निर्धारित त्रिपदी वंदना, जप, ध्यान, स्वाध्याय के क्रमशः प्रयोग मुनिश्री द्वारा कराएं गए।
मुनिश्री काव्य कुमारजी ने कहा- सामायिक धर्म की निष्पति है, उपवास में भूख सहनी होती है। आतापना में ताप सहना पड़ता है किंतु सामायिक में तो कोई कष्ट नहीं होता, बस आसन जमाया और आराम से जप, ध्यान, स्वाध्याय की क्रिया में रम जाओ। कार्यक्रम की शुरुवात मंगलाचरण से हुई तत्पश्चात तेरापंथ युवक परिषद् राजाराजेश्वरी नगर अध्यक्ष विकास जी छाजेड में सभी का स्वागत अभिनंदन किया।
इस अवसर पर अभातेयुप प्रबुद्ध विचारक श्री दिनेश पोखरणा, टीपीएफ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हिम्मत मांडोत, आर आर नगर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री मनोज डागा, सभा मंत्री श्री हेमराज सेठिया, महिलामंडल अध्यक्षा श्रीमती सुमन पटावरी,”मैं हू सामायिक साधक” के राज्य प्रभारी श्री महावीर टेबा,अभातेयुप परिवार, परिषद पूर्व अध्यक्ष, स्थानीय परिषद् के अध्यक्ष, तेयुप आर आर नगर पधाधिकारी गण एवं सदस्यों की उपस्थिति रही। आज के अभिनव सामायिक कार्यक्रम में श्रावक श्राविका समाज ने लगभग 950 से अधिक सामायिक का अभ्यास किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक श्री निशांत श्यामसुखा का विशेष सहयोग रहा।