- राष्ट्रीय अध्यक्ष पकंजजी डागा की उपस्थिति ने जोश भरा
- अध्यात्म का पहला पड़ाव है-सामायिकः साध्वी अणिमाश्री जी
शाहदरा (दिल्ली)। 14/9/2023- साध्वी श्री अणिमाश्री जी के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व का तीसरा दिन सामायिक दिवस के रूप में आयोजित हुआ। आज के दिन अभातेयुप के निर्देशानुसार दिल्ली तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का गरिमामय कार्यक्रम आयोजित हुआ। अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पकंजजी डागा की अध्यक्षता ने कार्यक्रम की शोभा को शतगुणित किया एवं युवा साथियों के भीतर अभिनव जोश का संचार किया। इस कार्यक्रम में होने वाली हजारों सामायिकों ने आयोजनकर्त्ताओं के उत्साह को अभिवर्धित किया।
साध्वी श्री अणिमाश्री जी ने अपने प्रेरणादायी मंगल उद्बोधन में कहा-अध्यात्म का पहला पड़ाव है-सामायिक। आश्रव को रोकने की सक्षम विधि है-सामायिक। आवेश व आवेग पर नियंत्रण करने की संजीवनी है -सामायिक। सामायिक के बिना साधना, आराधना, उपासना, प्रार्थना सिद्धि के द्वार तक नहीं पहुंच सकती। हृदय की शुद्धि के लिए, भावों की उज्ज्वलता, विचारों की निर्मलता, चित्त की प्रसन्नता, व्यवहार की शालीनता, स्वभाव की सौम्यता के लिए समता की साधना अपेक्षित है। सामायिक समता की साधना का महत्वपूर्ण उपक्रम है।
साध्वी श्री ने कहा-आज अभातेयुप के तत्वावधान में देश-विदेश मे जहां भी पर्युषण मनाएं जा रहे हैं, वहां अभिनव सामायिक का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। सामायिक की चेतना को जागृत करने वाला यह अच्छा उपक्रम है। आज अभिनव सामायिक के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष का आगमन हुआ है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई पकंज डागा संघभक्त एवं गुरुभक्त कार्यकर्त्ता है। साधु-साध्वियों के प्रति समर्पित एवं विनम्र है। चिंतनशील, कर्मठ एवं जुझारु है। दो वर्ष के कार्यकाल में अच्छा काम किया है। नई लकीरें खींची है। नए इतिहास का सृजन किया है। अभातेयुप के नाम व काम को ब्रिटिश पार्लियामेंट में भी गुंजाया है, यह गौरव की बात है। संघ की सेवा में हमेशा तत्पर रहना, यही हमारी मंगलकामना है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पकंजजी डागा ने कहा-धर्म उत्कृष्ट मंगल है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें मनुष्य भव मिला एवं उत्कृष्ट धर्म की आराधना का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है। पर्युषण महापर्व का समय धर्म की साधना एवं आराधना करने का समय है। आज मैं साध्वीश्री जी के सान्निध्य में होने वाले इस अद्भुत नजारे को देखकर अभिभूत हूँ। साध्वी अणिमाश्री जी अद्भुत कला संपन्न साध्वी है। आपका प्रखर वैदुष्य एवं मधुर प्रवचन शैली लोगों को बांधकर रखती है। आपने अनेक कार्यकताओं को तैयार किया है। आपके हर प्रवचन में संघभक्ति व गुरुभक्ति के नगमें अनुगूंजित होते हैं। आप जहां भी जाती हैं, नए कीर्तिमान अंकित करती है। यहां की युवाशक्ति के भीतर नए जोश का संचार करें। हमें दिल्ली तेयुप से ऊँची अपेक्षा है। विकासजी के नेतृत्व में युवाशक्ति अच्छा काम कर रही है और अच्छा करना है।
साध्वी कर्णिकाश्री जी ने सामायिक की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा-सामायिक में द्रव्य, क्षेत्र व काल भाव का भी विशेष महत्व होता है। शुद्ध सामायिक हमारे जीवन की अनमोल संपदा है।
साध्वी समत्वयशाजी ने अभिनव सामायिक के अनुष्ठान में जपयोग एवं ध्यानयोग की साधना करवाई। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने प्रभावी मंच संचालन किया। डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी ने विचार व्यक्त किए।
सूर्यनगर रामपुरी एवं रामप्रस्था की बहनों ने मंगल संगान किया। तेयुप साथियों ने विजय संगान किया। मंत्री सुरेशजी सेठिया ने अखण्ड जप की जानकारी प्रदान की।