नंदनवन (मुंबई)। तेरापंथ महिला मंडल मुंबई की पंचम् कार्यशाला “उड़ान ज्ञान गगन में” का आयोजन 23-अगस्त -2023 बुधवार को नंदनवन में किया गया।
तेरापंथ के एकादशम् अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी के पावन सानिध्य में बहनों को गुरुदेव का प्रेरणास्पद आशीर्वचन मिला आपने फ़रमाया धर्म के प्रति आस्था में कमी नहीं आनी चाहिए संकट आ भी जाए तो उसका विषय अलग है संकट में भी मजबूत रहे वह खास बात है जैन धर्म हमें मिला है ।जहा वितरागता की बात है आत्मा अनंत काल से संसार में है यह भव भ्रमण मिटे इसके लिए धर्म की साधना होनी चाहिए। साध्वी प्रमुखाश्री विश्रुत विभाजी की प्रेरणा से नंदनवन में आयोजित हुई।
मुख्य वक्ता साध्वीश्री दीप्तियशाजी ने नमस्कार महामंत्र से कार्यशाला की शुरुआत की। अंधेरी ओरी से नंदनवन को प्रतिपादित करते हुए फरमाया तेरापंथ धर्म लगभग 264 साल पुराना है लेकिन नवीनता लिए हुए हैं ।हमारे अचार्यों ने मूल परंपरा को सुरक्षित रखा साथ ही युगानुरुप परिवर्तन भी किया। समय के साथ विकास करते हुए शिखर चढ़ते गए अनेक अवरोधों- विरोध आते गये। आचार्यश्री भिक्षु के समय से लेकर आचार्यश्री तुलसी ने विरोधों का सामना किया संघर्ष जहां होता है वहां व्यक्ति आत्मिक मानसिक संतुलन खो बैठता है तो व्यक्ति हार जाता है उसका सामना नहीं कर पाता है लेकिन हम सौभाग्यशाली हैं हमारे आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु ने हमें सिखाया विरोधों का सामना कैसे करे ।अपना चिंतन पॉजिटिव रखना है।
साध्वी श्री ने घटनाओं के माध्यम से हमें तेरापंथ की झांकी के प्रारंभ से लेकर अभी तक दर्शन करवाया आचार्य श्री तुलसी के समय चाहे जयपुर में बाल दीक्षा का विरोध हो या रायपुर में अग्नि परीक्षा विरोध हो या चेन्नई में भाषा का विरोध हो संघर्ष को झेलते हुए विकास के पायदान पर चढ़ते गए और इन विरोधों को भी विनोद में लेते गए। इस प्रकार कितने अनछुए पहलू को छुआ और एक्टिविटी के माध्यम से तेरापंथ इतिहास की रोचक जानकारी प्रस्तुत की।
अभातेमम के ट्रस्टी प्रकाश देवी तातेड, उपाध्यक्ष श्रीमती तरुणाजी बोहरा,श्रीमती अलकाजी मेहता, मंडल के सरताज श्रीमती मीनाजी सुराणा, पूर्वाध्यक्ष श्रीमती भारतीजी जवेरी, मुंबई महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती विमलाजी कोठारी, कोषाध्यक्ष श्रीमती सुनीताजी सुतरीया, सहमंत्री श्रीमती सरिताजी ढलावत, श्रीमती वंदनाजी मुणोत, संगठन मंत्री श्रीमती कांताजी बच्छावत आदि के आलाावा कार्यसमिति सदस्य श्रीमती सुमनजी मेहता, श्रीमती संगीताजी कोठारी, श्रीमती रमिलाजी वडाला, श्रीमती जुलीजी मेहता, श्रीमती सुनीताजी हिरण, श्रीमती सुमनजी सिंघी एवं श्रीमती सीमाजी बाफना का व्यवस्था में सहयोग रहा।
श्रीमती अल्काजी पटावरी ने संचालन और आभार ज्ञापन किया। लगभग 1000 बहनों की सराहनीय उपस्थिति रही।
तेरापंथ महिला मंडल मुंबई की पंचम् कार्यशाला “उड़ान ज्ञान गगन में” का आयोजन
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