शाहदरा, दिल्ली। 30/7/2023-साध्वीश्री अणिमाश्री जी के सान्निध्य में सभा के तत्त्वावधान में ओसवाल भवन के सुरम्य समुदाय भवन में श्रीमती सोनू-विनोद बैद का मासखमण तपोभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित हुआ। विशाल जनमेदिनी ने मासखमण तप की अनुमोदना की।
साध्वीश्री अणिमाश्रीजी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा-पल-पल को आत्मानंद उपलब्ध कराने वाली बसंती बहार है-तपस्या। जिन शासन का श्रृंगार है-तपस्या। तेरापंथ का आधार है-तपस्या। सत्यं शिवं सुन्दर का द्वार है-तपस्या। जीवन गुलशन की बहार है-तपस्या। कर्म-निर्जरा का सशक्त सोपान है-तपस्या। तपस्या जैन धर्म का प्राणतत्त्व है- तपस्या। चातुर्मास का समय तप ज्योति के द्वारा आत्मज्योति को प्रज्ज्वलित करने का समय है। शाहदरा में गुरुदेव की कृपा से बारिश की झड़ी के साथ तपस्या की महाझड़ी लगी हुई है। तपस्या के इसी क्रम में आज इस भवन में मासखमण तप उत्सव समायोजित हो रहा है।
मासखमण तप साधिका श्रीमती सोनू-विनोद बैद ने मासखमण कर बैद परिकर में नव इतिहास का सृजन किया है। गुरुवर की ऊर्जा से, हमारी प्रेरणा से, स्वयं के आत्मबल, मनोबल एवं संकल्प बल तथा परिवार के सहयोग से आज इसने अपने लक्ष्य को पूर्ण किया है। तपस्विनी बहन तप के पथ पर निरन्तर बढ़ती रहे, मंगलकामना।
साध्वी डॉ. सुधाप्रभाजी ने कहा-आत्मानंदी व सहजानंदी बनाने वाली धरोहर का नाम है-तपस्या। तप रूपी आत्म संपदा से संपन्न बनने वाली बहन सोनू के मासखमण का हार्दिक अनुमोदन।
साध्वीश्री कर्णिकाश्री जी, साध्वीश्री डॉ. सुधाप्रभा जी, साध्वी समत्वयशा जी एवं साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने साध्वी अणिमाश्री जी द्वारा रचित सतरह पध्यों के महागीत का संगान कर पूरी परिषद को हर्षविभोर कर दिया।
साध्वीश्री जी अठाई एवं अठाई से ऊपर की तपस्या करने वालों के लिए गीत की रचना करते हैं एवं जब परिषद में संगान करते हैं तो कईयों के मन में तपस्या करने के भाव जाग्रत होते हैं एवं तप के पथ पर चरण गतिमान करते हैं। अब तक लगभग सैंतीस गीतों की रचना साध्वीश्री जी कर चुके हैं।
दिल्ली सभाध्यक्ष श्री सुखराज सेठिया, शाहदरा सभा अध्यक्ष श्री पन्नालाल बैद, दिल्ली तेममं मंत्री श्रीमती यशा बोथरा, तेयुप दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री राकेश बैंगानी, महासभा के क्षेत्रीय प्रभारी श्री मन्नालाल बैद, ओसवाल समाज के अध्यक्ष श्री आनन्द बुच्चा, श्री विनोद बैद, श्री सुभाष संचेती, सुश्री महक बैद, अभातेयुप के पूर्व सहमंत्री श्री सुरेन्द्र सेठिया ने तपस्विनी के तप की अनुमोदना की।
महिलामंडल, बैद परिवार की बहनों ने, संचेती परिवार की बहनों ने, बैद परिवार के भाईयों ने एवम जयपुर तथा दिल्ली के सेठिया परिवार ने सुमधुर तप अनुमोदना गीत की प्रस्तुति दी। श्री सुमति बैद ने श्रद्धेया साध्वी प्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन कर तपस्विनी बहन को उपहृत किया।
शाहदरा सभा की तरफ से अभिनंदन पत्र, गुरुदेव का फोटो एवम साहित्य भेंट कर के तपस्विनि बहिन का सम्मान किया। दिल्ली सभा एवम महिला मंडल एवम लाडनू नागरिक समिति ने भी अभिनंदन पत्र भेंट कर के बहिन का सम्मान किया।
तपस्विनी बहन के सासुमाँ परिवार की ओर से भी बधाई गीत प्रस्तुत किया गया। श्रीमती सरला बैद ने स्वरचित कविता की प्रस्तुति दी। साध्वी श्री जी की प्रेरणा से उपवास,बेला,तेला कर 91 बहिन भाई ने तप से अपनी अनुमोदना की। तपोभिन्दन जुलूस के साथ बहिन का ओसवाल भवन में प्रवेश हुआ।
शाहदरा, दिल्लीः मासखमण तपोभिन्दन में 91 श्रावक श्राविका ने दी तप भेंट
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