निमरोलॉजिस्ट कोरियोग्राफर और बिजनेसमैन जय ठक्कर के घर विराजमान दशामाता के विसर्जन के मौके पर जय ठक्कर और उनका पूरा परिवार भावुक हो गया सभी ने नम आंखों से माता को विदाई के लिए तैयार किया। सुंदर वस्त्र पहनकर पूरे सोलह श्रृंगार किया गया। इन दिनों तक जय ठक्कर के घर भजन कीर्तन आरती माता का जगराता चलता रहा। जहां सभी माता की भक्ति में चूर होकर माता की जय जयकार कर रहे थे। जैसे जैसे माता को ले जाया जा रहा था जय ठक्कर माता को देख फुट फुट कर रो रहे थे। और उनके साथ उनका परिवार और दोस्तों की आंखे भी नम हो गई। वही दूसरी तरफ दशामाता के लिए सुंदर रथ तैयार कर ढोलतासो व आतिश बाजी के साथ नाचते गाते गरबा करते हुए माता का विसर्जन किया गया। आपको बता दे 25 सालों से पुरी परंपरा और विधि विधान से दशामाता को जय ठक्कर अपने घर में विराजमान करते आ रहे है। और 25 सालों से पूरे तन मन धन से माता की उपासना करते आये है। जय ठक्कर इन दिनो में भक्ति में पूरी तरह से समर्पित होकर सभी मोह माया को त्याग कर माता की भक्ति में खो जाते है। जय के साथ उनका पूरा परिवार रिश्तेदार और दोस्त उनकी इस उपासना में उनके साथ रहते है। माता को अलग अलग तरह के भोग लगाते है, जय के घर आई माता की मूर्ति और उसकी साज सजावट हर साल लोगों को उनके घर तक खींच ही लाती है।