बल्लारी। युगप्रधान, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी , मुनि आदित्य कुमारजी ठाणा 2 के पावन सानिध्य में पंचमासिक धर्मोत्सव के अंतर्गत श्रीमती शर्मिला कमलचंद छाजेड़ ने 11 की तपस्या का पचखाण किया। डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी ने तप अनुमोदना करते हुए फरमाया तप जीवन का श्रृंगार है तप से होता बेड़ा पार है।
तप की महिमा का वर्णन केवल जैन धर्म ही नहीं सभी धर्मों में किया गया है, श्रीमती शर्मिला छाजेड़ बल्लारी तेरापंथ महिला मंडल की ही नहीं उत्तर कर्नाटक ज्ञानशाला आंचलिक की सक्रिय कार्यकर्ता है। मैं मंगलकामना करता हूं की इनकी धर्मसंघ की सेवा के साथ तपो भावना इसी तरह वर्धमान होती रहे। नचिकेता मुनि आदित्य कुमारजी सूरत से पधारे सुरेशजी सुराणा ने गीत गाते हुए तप अनुमोदना में समा बांधा। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा प्रवीणा लुणावत तेरापंथ सभा अध्यक्ष एवं UKTS उपाध्यक्ष कमलचंद छाजेड़ तेयुप अध्यक्ष पंकज छाजेड़ आदि ने गीत वक्तव्य के द्वारा तप अनुमोदना की। मुनिश्री ने आगामी 31 जुलाई चतुर्दशी सोमवार को होने वाले द्रव्यसीमा की सतरंगी में उत्साह से सम्मिलित होने का सभी श्रावक श्राविकाओं को आव्हान किया। तपस्विनी बहन का तप अभिनंदन महाश्रमण मोमेंटो से महिला मंडल की कार्यकर्ता साधना नाहर खेमीबाई नाहर तथा संगीता गोठी ने 11 माधुरी छाजेड़ ने 7 प्रवीणा लुणावत ने 8 की तपस्या का संकल्प लेकर बहूमान किया।
बल्लारी में शर्मिला छाजेड़ के 11 की तपस्या का तप अभिनंदन हुआ
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