नंदनवन (मुंबई)। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ महिला मंडल मुंबई द्वारा आयोजित कार्यशाला 22-जुलाई -2023 शनिवार को तेरापंथ के एकादशम् अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी के पावन सानिध्य में साध्वी प्रमुखाश्री जी विश्रुत विभाजी की प्रेरणा से “उत्तरदायी कौन” कार्यशाला का आयोजन नंदनवन में किया गया।
इस मौके पर मुख्य वक्ता साध्वी श्री सिद्धार्थ प्रभा जी ने अपने प्रेरणा पाथेय में फरमाया – कर्म क्या है। क्रिया (एक्शन) आपके द्वारा जो क्रिया की गई है ,वह कर्म है । जब भी कर्म उदय में आता है तो सभी कर्मों के रूप में उदय में आता है उदाहरणार्थ रसोई बनाना ,और भोजन करना दोनों एक ही समय पर नही सकता है। वैसे ही कर्म का बंधना और उन्हें भोंगना दोनों एक ही समय पर नहीं होता हैं।
साध्वीश्री ने बहनों की जिज्ञासाओं का बहुत सरलता से समाधान किया। मुंबई महिला मंडल के मंत्री श्रीमती संगीता जी चपलोत ने कार्यशाला का कुशल संचालन किया।
व्यवस्था में विशेष सहयोग श्रीमती अलकाजी मेहता ,श्रीमती वनिताजी बाफना, श्रीमती सीमाजी बाफना, श्रीमती ममता जी कोठारी, श्रीमती प्रिया जी बाफना आपका मुम्बई महिला मंडल की तरफ से हार्दिक आभार।
आभार ज्ञापन विशेष सहयोगी श्रीमती अलका जी पटावरी ने किया। मुंबई महिला मंडल के अध्यक्ष श्रीमती विमला जी कोठारी और महिला मंडल की 500 बहनों की सराहनीय उपस्थिति रही। आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति का विशेष योगदान रहा।
“उड़ान ज्ञान गंगा में – उत्तरदायी कौन” कार्यशाला का आयोजन
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