नयी दिल्ली। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री डॉ कुन्दन रेखा जी (ठाणा 4) के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद् (दिल्ली) के तत्वाधान में’ ‘पापविनाशक भक्तामर स्तोत्र का मंगलमय अनुष्ठान दिनांक 23 जुलाई 2023 को किया गया। साध्वी कुन्दनरेखा जी ने अनुष्ठान विषय में कहा – आचार्य मानतुंग द्वारा रचित, आद्य प्रभु ऋषभदेव के श्री चरणों में गहन समर्पण से उद्भूत यह स्तोत्र महाप्रभावकारी है! दु:खों का आलय इस संसार में इस स्तोत्र द्वारा आधि व्याधि और उपाधि का शमन कर समाधि में प्रवेश किया जा सकता है। इसके लिए अपेक्षित है श्रद्धायुत समर्पण, गहरी एकाग्रता, भावशुद्धि और शुद्ध उच्चारण। वर्तमान में लाखो-लाखों जनचेतनाएँ “भक्तामर स्तोत्र” का प्रतिदिन सँगान करती है। कई अजैन भक्तों’ ने परमनिष्ठा के साथ इस स्तोत्र की साधना कर अनेकों का उपचार किया है, और कर रहे हैं।
तेरापंथ युवक परिषद् दिल्ली- हर वर्ष साधु-साध्वियों के सानिध्य में अनुष्ठान करवाती है और सैकड़ों श्रावक इससे लाभान्वित होते हैं। युवक परिषद् (दिल्ली) के ऐसे प्रयास निरन्तर चलते रहें- शुभ कामना!
तेयुप (दिल्ली) के सदस्यों द्वारा ‘विजय गीत का सँगान किया गया। तेयुप मंत्री श्री अमित डूंगरवाल ने अपने संगठन की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालते हुए अधिक से अधिक किशोर और युवकों को परिषद से जुड़ने के के लिए आह्वान किया। दक्षिण दिल्ली अध्यक्ष हीरालाल गेलड़ा, मंत्री यश बरमेचा ने युवक परिषद् को धन्यवाद दिया। तेरापंथ सभा दिल्ली के अध्यक्ष *श्री मान सुखराज जी सेठिया ने कार्यक्रम की तहेदिल से सराहना की।
साध्वी डाँ कुन्दन रेखा, साध्वी सौभाग्ययशा, साध्वी कल्याणयशा एवं साध्वी कर्त्तव्ययशा जी द्वारा भक्तामर स्तोत्र का शुद्ध उच्चारण एवं उनके अन्तर्गत मंत्र – रिद्धि आदि बीजयंत्रों का स्पष्ट उच्चारण कर सारी परीषद में सुन्दर कवच का निर्माण किया। इस अवसर पर लगभग 90 जोड़ें एवं अन्य अनेक एकल भाई-बहिनों ने उत्साह से भाग लिया अर्थात् साधिक 200 भाई-बहिनों की उपस्थिति दक्षिण दिल्ली वासियों को भावविभोर कर रही थी।
तेरापंथ युवक परिषद् संयोजक करूण सेठिया ने आभार ज्ञापन किया। उन्होंने बताया कार्यक्रम सफल बनाने में लक्ष्य डूंगरवाल पारस गोलछा मनीष पटावरी प्रदीप चौरडिया का भी विशेष श्रम रहा। स्थान उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने श्री सुरेश जी गेलड़ा का भी आभार किया।
दिल्ली में पापविनाशक भक्तामर स्तोत्र का मंगलमय अनुष्ठान
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