एडिलेड:भारत ने ऑस्ट्रेलियाके खिलाफ एडिलेड ओवल में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस मैदान पर ये टीम इंडिया की महज दूसरी जीत है, इससे पहले भारत ने 2003 में एडिलेड ओवल में जीत दर्ज की थी। तब राहुल द्रविड़ टीम इंडिया की जीत के हीरो रहे थे। इस मैच में चेतेश्वर पुजारा ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रनों से हराया। पहली पारी में टीम इंडिया महज 250 रनों पर सिमट गई थी, लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को 235 रनों पर समेट कर भारत ने मैच में वापसी की।
इस मैच में तमाम रिकॉर्ड्स बने और साथ ही टीम एक यूनिट की तरह खेली, जिसके चलते भारत ने ये ऐतिहासिक जीत दर्ज की। ये पहला मौका है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान पहला टेस्ट जीता है। भारत ने पहली पारी में 250 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को 235 रनों पर समेट दिया। इसके बाद भारत ने 307 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को 323 रनों का लक्ष्य दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में 291 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस जीत के साथ भारत ने सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है।
भारत की जीत की बड़ी बातें:-
1- पुजारा में दिखी द्रविड़ की झलकः इस मैच के दौरान चेतेश्वर पुजारा ने ही टीम इंडीया की जीत की नींव रखी। पहली पारी में एक छोर से विकेट गिरते रहे और चेतेश्वर पुजारा चट्टान की तरह एक छोर पर डटे रहे। उनकी बल्लेबाजी में राहुल द्रविड़ की झलक नजर आई। पुजाना ने पहली पारी में 123 और दूसरी पारी में 71 रन बनाए। ये अजब संयोग है कि 2003 एडिलेड टेस्ट में राहुल द्रविड़ ने भी पहली पारी में सेंचुरी और दूसरी पारी में हाफसेंचुरी जड़ी थी और टीम इंडिया ने जीत दर्ज की थी।
2- रहाणे का द्रविड़ ‘luck’: अजिंक्य रहाणे पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे थे। टीम के उप-कप्तान का रन नहीं बनाना सभी क्रिकेट फैन्स को खल रहा था। इस मैच में रहाणे जिस बैट से बल्लेबाजी करने उतरे, उस पर द्रविड़ का सिग्नेचर था। रहाणे पहली पारी में 13 रन बनाकर आउट हुए। दूसरी पारी में उन्होंने 70 रनों की अहम पारी खेली और भारत को मजबूत बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
3- अश्विन ने दिया आलोचकों को करारा जवाबः पहले टेस्ट के प्लेइंग इलेवन में आर अश्विन को रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव पर तरजीह दी गई थी, जिसको लेकर टीम मैनेजमेंट और कप्तान की काफी आलोचना हुई थी। अश्विन ने इस मैच में बैट और बल्ले दोनों से योगदान दिया। पहली पारी में उन्होंने 25 रन बनाए और तीन विकेट लिए और दूसरी पारी में भी तीन विकेट लिए। अश्विन ने अहम मौकों पर साझेदारी तोड़ी भारत को जीत की राह पर लौटाया।
4- पेस बैटरी का दमदार प्रदर्शनः ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने मिलकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को क्रीज पर सेट होने का मौका नहीं दिया। इन तीनों ने ही जबर्दस्त गेंदबाजी की और मौका पड़ने पर ऑस्ट्रेलियाई साझेदारी को तोड़ते रहे। इन तीनों ने मिलकर मैच में 14 विकेट लिए।
5- ऋषभ पंत की विकेटकीपिंगः ऋषभ पंत ने इस मैच में वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की और कुल 11 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। पंत की बल्लेबाजी को लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है, लेकिन उनकी विकेटकीपिंग में सुधार की गुंजाइश की लगातार बात होती रही है। इस मैच में पंत की विकेटकीपिंग में काफी सुधार देखने को मिला हालांकि अभी भी सुधार की गुंजाइश है, लेकिन फिर भी पंत ने विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर टीम में अपनी जगह मजबूत कर ली है।
टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत की बड़ी बातें
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