नंदनवन। गुरु बिन कोई आराधना नहीं, सेवा से बड़ी कोई साधना नहीं। इसी साधना का मौका डोम्बिवली परिषद को 16/17/18 जुलाई को नंदनवन में मिला।सेवा में करीब १६० सदस्यों ने अपना समय प्रदान कर गुरुवर के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं भक्ति का परिचय दिया। डोम्बिवली सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, किशोर मंडल एवं कन्या मंडल सदस्यों की सहयोगिता रही। उल्हासनगर, बदलापुर, विट्ठलवाड़ी एवं दिवा क्षेत्र के सदस्यों का भी पूर्ण सहयोग रहा।
अभातेयुप सेवा प्रभारी दिनेशजी सिंघवी के निर्देशन में तेयूप अध्यक्ष ललितजी मेहता, मंत्री राहुल कोठारी, संयोजक भरत धाकड़ एवं सम्पूर्ण टीम ने सेवा के विविध क्रम गुरुदेव ठिकाना, भोजनशाला, पांडाल व्यवस्था, आवास कार्यालय, यातायात व्यवस्था, जल व्यवस्था, युवा दृष्टि काउंटर का कुशल संचालन किया।
त्रिदिवसीय सेवा में कार्यकर्ताओं को तेरापंथ अधीशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी, साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी,मुख्य मुनी श्रीमहावीरकुमारजी, मुनी श्री दिनेशकुमारजी, मुनी श्री योगेशकुमारजी, मुनि श्री जीतेन्द्रकुमारजी, मुनि श्री
वर्धमान कुमारजी, मुनि श्री मृदूकुमारजी, शासन श्री साध्वी सोमलताजी, संयमलताजी एवं जिनरेखाजी की सेवा एवं दर्शन का लाभ मिला। गुरुवर के समक्ष वर्धमान महोत्सव डोम्बिवली में ही आयोजित करने की अर्जी रखी। दीपानंदन भक्त्ति ग्रुप द्वारा डोंबिवली निवासी तपस्वी शांतिलालजी बड़ाला के कुटीर पर जाकर गीतों द्वारा तपस्या की अनुमोदना की गई।
डोंबिवली की नंदनवन में सेवा
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