– समत्वं योग उच्यते : सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमण
– मानसिक शांति के लिए श्वास प्रेक्षा का महातपस्वी ने कराया प्रयोग
– भाजपा प्रवक्ता श्री विनोद शेलार व विधायक भातखलकर ने किए पूज्यश्री के दर्शन
21.06.2023, बुधवार, मलाड, मुम्बई (महाराष्ट्र) । वर्ष 2023 के चतुर्मास स्थल में प्रवेश से पूर्व देश की आर्थिक राजधानी को आध्यात्मिक समृद्धि प्रदान करने को विहरणमान जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मलाड प्रवास के दूसरे व अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग की महिमा का वर्णन किया तो समुपस्थित मलाड की जनता को श्वास प्रेक्षा आदि योग का प्रयोग भी कराया। आचार्यश्री से योग के महत्त्व को जानकर और ध्यान आदि का प्रयोग कर जनता आह्लाद की अनुभूति कर रही थी।
बुधवार को मलाड प्रवास के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर तेरापंथ धर्मसंघ के सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमणजी ने समुपस्थित जनता को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि आज 21 जून का दिन विश्व योग दिवस के रूप में है। योग शब्द बहुत अर्थवान है। जहां एक ओर जैन दर्शन में योग की परिभाषा दी गई कि शरीर, वाणी और मन की प्रवृत्ति योग है। आज के दिन के योग दिवस की परिभाषा अलग है। यह योग साधना, आसन, प्राणायाम, ध्यान आदि की साधना से जुड़ा हुआ है। पतजंलि के अष्टांग योग में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि का वर्णन किया गया है। यम में अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह आते हैं। इन आठ अंगों में योग बहुत अच्छी तरह समाहित हो गया है। केवल व्यायाम करना ही योग नहीं, अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह भी योग है। सम्यक् ज्ञान, सम्यक् दर्शन और सम्यक् चारित्र भी योग है। अर्थात् आत्मा को मोक्ष जोड़ने वाली समस्त धार्मिक प्रक्रिया योग है।
आचार्यश्री ने आगे कहा कि श्रीमद् भगवद्गीता में श्रीकृष्ण द्वारा कहे गये श्लोक ….समत्वं योग उच्यते को व्याख्यायित करते हुए
कहा कि समता को महान योग बताया गया है। आदमी के चित्त में अनुकूल-प्रतिकूल दोनों परिस्थितियों में समता, शांति रहती है, वह योग है। आदमी को अपने समता भावों को उच्च बनाने का प्रयास करना चाहिए। साधु तो समता के साधक होते ही हैं, आदमी को अपने भीतर समता के भावों का विकास करने का प्रयास करना चाहिए। आज योग दिवस है। अच्छी बात है कि एक दिन भी योग यदि अभ्यास किया तो जाए तो अच्छा हो सकता है। सामायिक भी योग है। आदमी जहां भी रहे, धर्म, अध्यात्म व समता रूपी योग-साधना चलती रहे। आचार्यश्री ने समुपस्थित जनता को श्वास प्रेक्षा आदि का प्रयोग भी कराया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमणजी से योग की महिमा और योग का अभ्यास कर उपस्थित जनता कृतार्थता की अनुभूति कर रही थी। आचार्यश्री ने गुरुदर्शन करने वाली साध्वी काव्यलताजी आदि साध्वियों को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
आचार्यश्री के मंगल प्रवचन से पूर्व साध्वीवर्या साध्वी सम्बुद्धयशाजी ने जनता को उद्बोधित किया। वर्षों बाद गुरुदर्शन करने वाली साध्वी काव्यलताजी ने अपनी हर्षाभिव्यक्ति देते हुए अपनी सहवर्ती साध्वियों संग गीत का संगान किया। संसारपक्ष में मलाड से संबद्ध साध्वी दीप्तियशाजी ने भी अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। मुम्बई में बीजेपी पार्टी के प्रवक्ता श्री विनोद शेलार ने आचार्यश्री के दर्शन करने के उपरान्त अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि मैं ऐसे गुरु की मंगलवाणी को सुनने और कुछ ग्रहण करने के लिए आया हूं। आपके इस प्रवास से हम सभी वर्षों तक ऊर्जावान बने रहेंगे। आपश्री अद्भुत ऊर्जा के धनी हैं। विधायक श्री अतुल भातखलकर ने भी आचार्यश्री के दर्शन कर अपनी भावनाओं को व्यक्त कर आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। शारदा ज्ञानपीठ इण्टरनेशनल स्कूल से संबद्ध श्री शारदा प्रसाद ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ किशोर मण्डल, उपासक-उपासिकाओं, तेरापंथ युवक परिषद ने स्वागत गीत का संगान किया। तेरापंथ कन्या मण्डल ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी।