विएना. कच्चे तेल की गिरती कीमतों को थामने के लिए तेल उत्पादक देशों का संगठन OPEC उत्पादन में कटौती के लिए राजी हो गया है। दो दिन तक चली बैठक में ओपेक देशों के बीच 12 लाख बैरल प्रति दिन (एमबीडी) की कटौती पर सहमति बनी। हालांकि यह कटौती उम्मीद से काफी ज्यादा है, इसीलिए यह खबर आते ही इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतें 5.4 फीसदी तक बढ़ गईं। माना जा रहा है कि इसका भारत पर भी खासा असर पड़ेगा और एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल के महंगे होने का क्रम शुरू हो सकता है।
प्रति दिन 12 लाख बैरल उत्पादन घटाएगा ओपेक
ओपेक और उसके पार्टनर्स के बीच 12 लाख बैरल प्रति दिन उत्पादन में कटौती पर सहमति बनी, जिसमें से 8 लाख बैरल की कटौती अकेले ओपेक देश करेंगे। हालांकि ईरान इस विवादित बातचीत में विजेता के तौर पर सामने आया है। ईरान ने कहा कि उसे कटौती से छूट हासिल हुई है, क्योंकि वह पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।
5.4 फीसदी तक महंगा हुआ क्रूड
इस खबर के बाद लंदन में क्रूडकी कीमतें 5.4 फीसदी तक चढ़ गईं। ऐसी भी आशंकाएं बढ़ गई हैं कि ओपेक देशों के बीच हुई इस डील से अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की नाराजगी बढ़ सकती है, जिन्होंने क्रूड प्रोडक्शन में कटौती नहीं करने और कीमतों को कम बनाए रखने की अपील की।
काम कर गई रूस की स्ट्रैटजी
माना जा रहा है कि इस डील के पीछे गैर ओपेक मेंबर रूस की स्ट्रैटजी रही, जिसने मेंबर्स के साथ कई बाईलेटरल मीटिंग की। इस प्रकार वह कट्टर विरोधी माने जाने वाले सऊदी अरब और ईरान को राजी करने में कामयाब रहा। हालांकि इन दिनों ओपेक को तेल की कीमतों को नीचे बनाए रखने के लिए खासे प्रेशर का सामना करना पड़ रहा था।
उम्मीद से ज्यादा उत्पादन घटाने का ऐलान
आखिर में हुई यह डील सभी को हैरत में डालने वाली थी। पहले हुई बातचीत में ओपेक और सहयोगियों के तेल उत्पादन में 10 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती का प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें 6.50 लाख ओपेक को ही घटाना था। खबरों के मुताबिक तेल के उत्पादक देश प्रोडक्शन में कटौती के लिए अक्टूबर के आउटपुट को बेसलाइन के तौर पर इस्तेमाल करेंगे।