नयी दिल्ली| दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज मामले में सोमवार को 04 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत बढ़ा दी।
राउस एवेन्यू स्थित एम. के. नागपाल की विशेष अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद श्री सिसोदिया को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने आदेश पारित किया।
श्री सिसोदिया फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं। विशेष अदालत ने 17 मार्च शुक्रवार को 51 वर्षीय पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया को 22 मार्च तक की हिरासत मंजूरी की थी।
अदालत ने 10 मार्च को श्री सिसोदिया को 17 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था। उस वक्त वह सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद थे।
सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद सिसोदिया को ईडी ने 09 मार्च को जेल में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि 26 फरवरी को गिरफ्तार सिसोदिया को 06 मार्च को सीबीआई की हिरासत अवधि पूरी होने के बाद 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
अदालत ने सीबीआई के अनुरोध पर श्री सिसोदिया को 04 मार्च तक केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा था, जिसकी अवधि समाप्त होने पर दो दिन की और हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत ने 28 फरवरी को श्री सिसोदिया की रिट याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष गुहार लगा सकता है।
श्री सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई की जांच के तरीकों पर सवाल उठाते हुए राहत की उम्मीद में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद श्री सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद श्री सिसोदिया ने बाद में उसी दिन उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 4 अप्रैल तक बढी
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