राजाजीनगर। दीक्षा एक आत्मा की साधना है। दीक्षा आत्मा को परमात्मा बनाने का सर्वप्रथम मार्ग है। दीक्षा संयम साधना का राजपथ है। इसी संयम यात्रा मैं वैरागी राहत बाई ललवानी का संगीतमय विदाई समारोह तेरापंथ युवक परिषद द्वारा संचालित भिक्षु श्रद्धा स्वर टीम द्वारा आयोजित किया गया।
भक्ति की शुरुआत नवकार महामंत्र से हुई गायक संजयजी मांडोत, अनिमेषजी चौधरी, अशोकजी चौधरी, और साथ में पूरी भिक्षु श्रद्धा स्वर टीम ने अपने सुमधुर भजनों से वातावरण को भिक्षुमय बनाया।
मुमुक्षु राहत बाई ललवानी ने अपने विचार रखते हुए उपस्थित श्रावक समाज के प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना व्यक्त करते हुए सभी से खमत-खमना किया।अनुमोदना की कड़ी में सभा परिवार से सहमंत्री चंद्रेशजी मांडोत, तेयुप से राजेशजी देरासरिया ने अपने विचार रखते हुए दीक्षार्थी के प्रति मंगलकामनाएं संप्रेषित की।
इस अवसर पर सभा से उपाध्यक्ष अशोकजी चौधरी, तेयुप से परामर्शक प्रवीणजी नाहर, तेयुप अध्यक्ष अरविंदजी गन्ना, तेयुप प्रबंध मंडल, सदस्यों और श्रावक-श्राविका समाज की अच्छी उपस्थिति रही। श्री गौतमजी डोसी ने ललवानी परिवार की ओर से तेयुप का आभार व्यक्त किया।
तेयूप राजाजीनगरः मुमुक्षु राहत बाई ललवानी का संगीतमय विदाई समारोह :
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