मुंबई। युग प्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी ठाणा – 6 व विदुषी साध्वीश्री प्रज्ञाश्रीजी ठाणा -4 का आध्यात्मिक संगमल उल्लासमय रहा। कुर्ला तेरापंथ भवन में आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी ने कहा – आज साध्वियों को देखकर मन अत्यंत प्रसन्न है। साध्वीश्रीजी कर्मठता की पर्याय हैं। मुंबई में परिभ्रमण कर ये दर्शन – ज्ञान – चारित्र व तप की अलख जगा रही हैं।
साध्वी श्री प्रज्ञाश्रीजी ने अपने प्रेरणा पाथेय में कहा – संतों के मिलन का रंग निराला होता है। मैं कल से देख रही हूं कि आप हम छोटी-छोटी साध्वियों पर कितना वात्सल्य बरसा रही हैं। साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी महाराज के चरणों में आकर मैं अनिर्वचवीय आनंद की अनुभूति कर रहा हूं।
साध्वी सरलप्रभाजी ने ‘अतिथि देवो भव’ की घटना के साथ श्रावक वर्ग को प्रेरणा से झकझोर दिया।
प्रबुद्ध साध्वी डॉ. योगक्षेमप्रभाजी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा – आंतरिक उल्लास की अभिव्यक्ति है आज का मिलन। खुशियों के ये पल सब में नई ऊर्जा भरते हैं। साध्वी विनयप्रभाजी व सा. प्रतीकप्रभाजी ने गीत की स्वरलहरियों से भावों की अभिव्यक्ति दी।
साध्वी लावण्यप्रभाजी, साध्वी कुंदनयशाजी, साध्वी मुदितप्रभाजी एवं साध्वी मधुरप्रभाजी ने ‘आओ आओजी पधारो’ गीत से नया समां बांधा।
तेयुप के सदस्यों ने गीत के बोलों से स्वागत किया। तेरापंथी सभा की ओर से अध्यक्ष कांतिलालजी कोठारी, तेयुप अध्यक्ष जितेंद्र कोठारी ने साध्वीवृंद का भावभरा स्वागत किया। मंच संचालन साध्वी श्री डॉ. योगक्षेमप्रभाजी ने कुशलता से किया।
कुर्ला में साध्वीवृंद का आध्यात्मिक संगम
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