- मुंबई और महाराष्ट्र, जहां से सबसे ज्यादा टैक्स सरकार को मिलता है, उन्हें निराशा के अलावा कुछ भी नहीं मिला”
- गौतम अदानी के भ्रष्टाचार की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी), ईडी, सीबीआई, सेबी द्वारा गहन जांच की जानी चाहिए और जांच पूरी होने तक उनके पासपोर्ट को जब्त किया जाए
मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट किसानों, मजदूरों, आम गरीब जनता के लिए नहीं है, बल्कि यह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनिंदा खास दोस्तों को खुश करने के लिए तैयार किया गया बजट है। पूरे बजट में देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए कोई उपाय और योजना प्रस्तावित नहीं की गई है। यह बात मुंबई आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप ने कही।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का कहना है कि इस बजट में देश के राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को 6.4% से घटाकर 5.9% कर दिया गया है। लेकिन असल में राजकोषीय घाटा तीन चीजों से कम होता है। या तो देश का खर्च कम करना होगा या देश की आय उसी हिसाब से बढ़ाई जाए। दूसरा विभिन्न चीजों के लिए दी जा रही सब्सिडी कम की जाए और तीसरा खुले बाजार से कर्जा लिया जाए। चूंकि देश की आय बढ़ने की बहुत कम संभावना है, इसलिए उन्होंने विभिन्न चीजों के लिए 90,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी कम कर दी। हर साल केंद्र सरकार खाद्यान्न, खेती के लिए खाद और पेट्रोलियम पर सब्सिडी देती है। पिछले साल केंद्र सरकार ने 5.21 लाख करोड़ की सब्सिडी दी थी। इस साल सब्सिडी की रकम 28 फीसदी घटाकर 3.74 लाख करोड़ रुपए कर दी गई। किसानों को खेती के लिए दिए जाने वाले खाद पर दिए जाने वाली सब्सिडी 50,000 करोड़ से कम कर दी गई। पेट्रोलियम उत्पादों पर 30,000 करोड़ की सब्सिडी कम की गई। खाद्यान्न पर दी जाने वाली सब्सिडी 28% कटौती की गई। इस सब्सिडी का मुख्य रूप से किसानों और सामान्य आर्थिक समूहों को लाभ होता है। लेकिन इस सब्सिडी को कम करने से आम आदमी का बोझ और बढ़ जाएगा जो पहले से ही महंगाई और मंदी की मार झेल रहा है। इससे गरीबों का राशन और महंगा हो जाएगा। ऐसा करके राजकोषीय घाटे को कम करने के बजाय, वे अमीरों पर लगाए जाने वाले टैक्स को बढ़ा देते तो बेहतर होता। सरकारी सब्सिडी कम होने से दालें और खाद्यान्न भी महंगे हो जाएंगे। साथ ही राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए मोदी सरकार खुले बाजार से 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने वाली है। इस कर्ज का बोझ हम जैसे आम करदाताओं पर पड़ेगा। मोदी सरकारने बजट में इन्कम टैक्स में अलग-अलग स्लैब बनाकर सिर्फ गाजर दिखाया है। वास्तव में इन्कम टैक्स कम नहीं हुआ है, वह उतना है जितना पहले था। बजट में किसानों को लेकर सिर्फ बड़ी-बड़ी घोषणाए की गई है। लेकिन किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए कोई उपाय नहीं है।
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भाई जगताप ने आरोप लगाते हुए कहा कि दरअसल यह बजट केवल मोदी के कुछ मित्रों को खुश करने के लिए पेश किया गया है, इसलिए मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं, ऐसे शब्दों में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने मुंबई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट की कड़ी आलोचना की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके समेत मुंबई कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चरण सिंह सपरा, कोषाध्यक्ष भूषण पाटिल, महासचिव संदेश कोंडविलकर, सह कोषाध्यक्ष अतुल बर्वे, प्रवक्ता युवराज मोहिते, सेवा दल के सतीश मनचंदा उपस्थित थे।