- नववर्ष पर मंगलपाठ का श्रवण करने को गुरु सन्निधि में उमड़ा श्रद्धा का सागर
- ज्योतिचरण की रश्मियों से पावन हुआ कानाना का कण-कण
- देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं ने साक्षात् गुरुवाणी का किया श्रवण
01.01.2023, रविवार, कानाना, बाड़मेर (राजस्थान)। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान देदीप्यमान महासूर्य महातपस्वी महाश्रमण की मंगल सन्निधि में रविवार को नववर्ष के मंगल अवसर श्रीमुख से महामंगलपाठ का श्रवण करने के लिए राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे-से गांव कानाना में आस्थाभावों से ओतप्रोत श्रद्धालुओं का सागर लहरा उठा। लोगों की अपार भीड़ अपने सुगुरु से मंगलपाठ का श्रवण कर नूतन वर्ष का मंगल शुभारम्भ किया। महातपस्वी महाश्रमणजी ने अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हुए नववर्ष के मंगलकामना सहित बृहद् मंगलपाठ सुनाया तो साथ ही एक वर्ष के अपनी-अपनी धारणा के अनुसार तथा विकल्प के रूप में छह प्रकार के जमींकदों में सम्पूर्ण या उनमें से किसी एक भी त्याग का संकल्प भी कराया। अपने सुगुरु से मंगलपाठ, संकल्प और प्रेरणा पाकर आस्था का सागर मानों महासागर से भी गंभीर चित्त वाले शांतिदूत के श्रीचरणों में नत हो रहा था।
पारलू को पावन बना कानाना के कण-कण को किया ज्योतित
जनकल्याण के लिए निरंतर गतिमान जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी वर्तमान में बाड़मेर जिले के सिवांची-मालाणी क्षेत्र में यात्रायित हैं। रविवार को वर्ष 2023 के प्रारम्भ के अवसर के लिए गुरु सन्निधि में हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ आया था। रविवार को प्रातःकाल आचार्यश्री के विहार से पूर्व ही श्रद्धालु पारलू में ही पूज्य सन्निधि में पहुंच गए थे। वहां आचार्यश्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रातःकाल दर्शन और आशीष से आच्छादित कर सूर्योदय के कुछ क्षण के उपरान्त गतिमान हुए तो श्रद्धालुओं का हुजूम गुरुचरणों का अनुगमन करने लगा। हालांकि दूरी कुल तीन किलोमीटर ही थी, किन्तु श्रद्धा, आस्था के तीव्र लहरों के साथ मानव रूपी सागर मानों महासागर के समान गंभीर श्रीचरणों मंे समा जाना चाहता था। लोगों पर आशीषवृष्टि करते हुए आचार्यश्री कानाना के कण-कण को पावन बनाते हुए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कानाना के प्रांगण में पधारे।
महातपस्वी से नववर्ष का मंगलपाठ, मंगल प्रेरणा व मंगल पाथेय प्राप्त कर निहाल हुई जनता
नववर्ष को मंगलमय बनाने के लिए गुरुचरणों में उमड़ी आस्थावान श्रद्धालुओं की अपार भीड़ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पास स्थित ठाकुर नरपत करण स्टेडियम में बने कार्यक्रम स्थल में पहुंची तो वह विशाल प्रवचन पण्डाल और मानों छोटा ही साबित होने लगा। आस्था का सागर स्टेडियम में नहीं समा पा रहा था। निर्धारित समयानुसार आचार्यश्री मंचासीन हुए तो समूचा वातावरण जयनिनादों से गुंजायमान हो उठा।
आचार्यश्री ने श्रद्धालुओं को द्रव्य, क्षेत्र, काल व भाव के माध्यम से काल के महत्त्व का वर्णन करते हुए कहा कि आज नए वर्ष का प्रथम दिन है। इसके मंगल शुभारम्भ के संदर्भ में मंगलपाठ सुनाना चाहूंगा। श्रीमुख से इसी वाणी का श्रवण करने को उपस्थित विशालजनमेदिनी अपने स्थान पर करबद्ध खड़ी हुई और फिर गुरुमुख से गूंजीत हो उठा नववर्ष 2023 का मंगलपाठ। लगभग 11.20 पर उच्चरित हुए मंगलपाठ का श्रवण उपस्थित विशाल जनमेदिनी के अलावा तेरापंथ के यूट्यूब चैनल के तथा पारस चैनल के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों में उपस्थित हजारों-हजारों श्रद्धालुओं ने श्रवण कर अपने नववर्ष को मंगलमय बनाया। आचार्यश्री ने एक वर्ष तक अपनी-अपनी धारणानुसार कोई संकल्प स्वीकार करने के अभिप्रेरित करते हुए एक सुझाव रूप में जमींकंद अर्थात्-लहसुन, प्याज, मूली, शकरकंद, गाजर, आलू इन छहों के त्याग अथवा किसी के एक वर्ष त्याग का संकल्प कराया।
आचार्यश्री ने उपस्थित जनमेदिनी को पावन पाथेय प्रदान करते हुए सन् 2023 का शुभारम्भ हुआ है। इसका प्रतिदिन सफल, सुफल बनाने के लिए अपने जीवन को धर्म और संयम से भावित बनाने की प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री ने आगे कहा कि आदमी को विवेकपूर्ण पुरुषार्थ करने का प्रयास करना चाहिए। विवेकपूर्ण पुरुषार्थ के द्वारा आत्मा का शोधन भी किया जा सकता है। आचार्यश्री ने इसके पूर्व अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्त्वावधान में आयोजित अभिनव सामायिक के लिए कई ध्यान आदि के प्रयोग भी कराए। उपस्थित जनता को साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने उद्बोधित किया।
कार्यक्रम में उपस्थित श्री मठ-कानाना के महंत श्री परशुराम गिरीजी महाराज ने आचार्यश्री के स्वागत में अपनी अभिव्यक्ति दी। गांव के सरपंच श्री चैनकरण राठौड़ ने अपनी भावाभिव्यक्ति देते हुए अपने गांव के मार्ग को आचार्यश्री महाश्रमण मार्ग करने की घोषणा की। कानाना व्यवस्था समिति के संयोजक श्री सुरेश कोठारी व ओसवाल समाज के अध्यक्ष श्री मनोज श्रीश्रीमाल ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। स्थानीय तेरापंथ महिला मण्डल व तेरापंथ कन्या मण्डल व जैन महिला मण्डल ने पृथक्-पृथक् स्वागत गीत का संगान किया। ज्ञानशाला के बच्चों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। सवाई माधोपुर के आदर्शनगर में चतुर्मास कर गुरु दर्शन करने वाले मुनि सुमतिकुमारजी ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए। साध्वी उर्मिलाकुमारजी ने अपनी अभिव्यक्ति देते हुए सहवर्ती साध्वियों संग गीत का संगान किया। विदेश से गुरु सन्निधि में पहुंची समणी प्रतिज्ञाप्रज्ञाजी तथा समणी पुण्यप्रज्ञाजी ने अपनी अभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने सभी चारित्रात्माओं को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। तेरापंथ युवक परिषद-बालोतरा ने नववर्ष का कैलेण्डर पूज्यचरणों में लोकार्पित किया।