मुंबई। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या शासनश्री साध्वी श्री विद्यावतीजी ‘द्वितीय’ ठाणा ५*जी आदि ठाणा-5 के मंगल सान्निध्य में अभिनव सामायिक का सुन्दर आयोजन हुआ और २०२३ का वृहद् मंगल पाठ विविद्ध मंत्रों के साथ हुआ ।शासन श्री साध्वी श्री ने अपने सरल वक्तव्य में कहा बीते हुए विगत वर्ष का आत्मावलोकन करे नये वर्ष में नूतन संकल्पों को स्वीकार कर नये कीर्तिमान स्थापित करे। अपने भीतर के घर में प्रवेश करे और राग द्वेष का अल्पीकरण करे। आत्मा के निकट पहुचने के लिये सामायिक, जप स्वाध्याय आदि उपक्रमों से नियोजित किया जाये बारह महीनों में बारह संकल्प स्वीकार करे।
अहिंसा और प्रेम की बिछाये दरी नैतिकता सचादार की पास रखे टार्च , स्वार्थ जगत में सबसे रखे तालमेल। संयम का उगाए मून नेषे धात्मक भावों की करे धुलाई आदि संकल्पों से नये वर्ष को मनाए। नये कीर्तिमान अपने जीवन में स्थापित करे। अभिनव सामायिक का क्रम वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक एव उपासक पारसमलजी दुग्गद ने करवाया ।उन्होंने प्रेक्षा ध्यान का भी प्रयोग काफ़ी सरल तरीक़े से करवाया। आभार ज्ञापन मंत्री विनीत सिंघवी ने किया ।
कांदिवली में अभिनव सामायिक का सुन्दर आयोजन
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