बस्ती (उत्तर प्रदेश): पत्रकारों के उत्पीड़न का मामला नवागत नहीं है आए दिन पत्रकारों पर उत्पीड़न होते रहते हैं हताशा तो तब होती है जब शासन प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से विमुख होकर उदासीनता का व्यवहार करते हैं पूरे शासन व्यवस्था का तीसरा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों के ऊपर आए दिन हमले होते रहते हैं कारण है निष्पक्षता से पत्रकारिता करना ज्वलन्त मामला बस्ती जिले के गौर थाना क्षेत्र के इटबहरा ग्राम पंचायत का है जहां पर पत्रकार खबर संग्रह के लिए गया हुआ था वहां के निवासी और कई मुकदमों में अपराधिक हिस्ट्रीशीटर जिलाजीत सिंह ने पत्रकार के ऊपर जानलेवा हमला किया। किसी तरह से पत्रकार ने अपनी जान बचाकर गौर थाना प्रभारी को शिकायती पत्र दिया, परंतु हिस्ट्रीशीटर जिलाजीत सिंह को गौर थाने का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों के संरक्षण पर अपना वक्तव्य देने पर कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनका प्रशासन पत्रकारों का शोषण करने पर कोई कसर नहीं छोड़ रहा है अगर यही हाल रहा तो आने वाले भविष्य में अभिव्यक्ति की आजादी का मूल्यांकन करना अप्रासंगिक हो जाएगा गुलामी का आलम अंग्रेज और मुगलों के शासन से भी बदतर हो जाएगा।