बेंगलोर। समस्त उपनगर से पधारे श्रावक- श्राविकाओं ने वरघोडे में तपस्वियों के दर्शन कर अक्षत से बधाते हुए हर्ष और आनंद व्यक्त किया। एक-एक तपस्वी अपने परिवार के साथ ससम्मान पंडाल में पहुँचे और उचित स्थान ग्रहण किया। परम पूज्य आचार्य भगवंत ने मंगल मंत्र का उच्चारण किया और सभी तपस्वियों अंतिम 84वें उपवास का पच्चखान करवाया।
गुरु भगवंत ने कहा कि महातप श्रेणीतप के अंतर्गत साध्वी भगवंत विशालमाला श्री ने तप कर इस श्रेणीतप में कलश चढ़ाया। श्राविका वीणाबेन सिंघवी ने इसमें साथ-साथ मासख़मण तप के साथ एक इतिहास क़ायम किया है।आज अनुमोदना करने पूरा बेंगलोर उमड़ा है। लाभार्थी परिवार द्वारा सभी तपस्वियों की तप अनुमोदना का भक्ति का अद्भुत लाभ लिया गया उन सभी का सम्मान श्री संघ द्वारा किया।
मुख्य लाभार्थी, सह लाभार्थी के संग-संग सभी सहयोगियों का बहुमान तिलक, माला, श्रीफल, चुन्दडी द्वारा श्रीसंघ से किया ।आज के कार्यक्रम के मुख्य लाभार्थी नाहर परिवार ने परिवार सहित गुरु भगवंत से आशीर्वाद लिया।सुरेंद्र गुरुजी एवं विक्रम गुरुजी ने संचालन किया। कमलेश भाई ने संगीत से समां बांधा।
सकल संघ ने आज के इस कार्यक्रम का ख़ूब-ख़ूब आनंद लिया।आज के शुभ दिन दोपहर में तपस्वियों हेतु साँझी एवं मेहंदी का आयोजन किया गया। जिसमें छोटी-छोटी बालिकाओ द्वारा शानदार प्रस्तुति रही।पुष्पा जी राठौड़ एवं सदस्यों द्वारा तपस्या के गीतों का संगान हुआ। नीलम ललवानी ने संचालन करते हुए गुरु भक्ति के गीत आदि से सुमधुर समां बांधा।लाभार्थी गांधी परिवार द्वारा गीत साँझी का आयोजन हुआ।
बैंग्लोर में तपस्वियों का अंतिम 84वें उपवास का पच्चखान
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