नयी दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दी गई पैरोल में उनकी कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि ‘जेलों के अपने नियम होते हैं।’ सिरसा में अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म के आरोप में 20 साल जेल की सजा काट रहे राम रहीम को हाल में 40 दिन की पैरोल मिली थी।
तीन नवंबर को हरियाणा में आदमपुर उपचुनाव और पंचायत चुनाव से पहले उन्हें पैरोल देने के फैसले से राज्य में विवाद खड़ा हो गया है। यहां संवाददाता सम्मेलन में राम रहीम की पैरोल के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा कि पैरोल दिलाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
खट्टर ने राज्य में अपनी सरकार के आठ साल पूरे होने पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं थी…अदालतें कारावास की घोषणा करती हैं और एक दोषी जेल जाता है। इसके बाद जेल के नियम सभी कैदियों पर लागू होते हैं।’’
उधर, राम रहीम को मिले पेरोल का विरोध करते हुए दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि आखिर सरकार कैसे किसी ऐसे व्यक्ति को पेरोल दे सकती है, जो रेप और हत्या के मामले में सजायाफ्ता हो। उन्होंने कहा कि गुरमीत राम रहीम पेरोल पर बाहर आकर अपनी खराब छवि को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं और सत्संग के जरिये फिर से अपने भक्तों को इकट्ठा कर रहे हैं, यह तो पूरी तरह से कानून के खिलाफ है।
राम रहीम को पैरोलः कहा- इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं
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