वसई। वसई साध्वी प्रज्ञाश्रीजी ठाणा ४ के सानिध्य मे साध्वी मर्यादाप्रभाजी की संसार पक्षीय बहन साधना जी मेहता के आयम्बिल पखवाड़े के तप अभिनन्दन का कार्यक्रम रखा गया। मंगलचरण तप अभिनन्दन गीतिका वसई महिला मंडल और परिवार की बहनो द्वारा प्रस्तुत की गई। साध्वी विनयप्रभा जी एवं प्रतिकप्रभा जी ने गीतिका के माध्यम से तप अभिनंदन किया। साध्वी सरलप्रभा जी ने अपने व्यक्तव्य मे फ़रमाया की 15 उपवास करना आसान है लेकिन 15 आयम्बिल एक साथ करना कठिन कार्य है | बहन ने अपने मनोबल की मजबूती से इसे सम्पन्न किया।
साध्वी प्रज्ञाश्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन मे फ़रमाया की आयम्बिल तप का अपना महत्त्व है | द्वारिका नगरी मे ज़ब तक रोज आयम्बिल हुए वो ठीक रही , किसी श्राप का उस पर असर नहीं हुआ| भूखा रहना आसान है लेकिन 15 दिन तक अलूना स्वाद रहित एक धान का भोजन करना मुश्किल है ,बहन साधना ने जिस मनोबल से इसे पूर्ण किया वो आसान नहीं था लेकिन गुरु के प्रति आस्था से ये इस तप को पूर्ण कर पाई। प्रतिवर्ष तपस्या करने वाली बहन साधना मेहता ने तप के साथ जप को भी जोड़ा। तेरापंथ सभा के मंत्री भगवतीलालजी ने सभी सभा संस्था की तरफ से भावो की अभिव्यक्ति दी। तप का अभिनन्दन तप द्वारा किया गया। संचालन साध्वी प्रतिकप्रभा जी ने किया।
वसई में आयम्बिल पखवाड़े तप का अभिनंदन
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