वसई। साध्वी प्रज्ञाश्रीजी ठाना4 के सानिध्य में शारदीय नवरात्रि में आत्मकल्याण के लिए नावन्हीक अनुष्ठान प्रारम्भ किया गया।
नवरात्र के महत्व को बताते हुए फ़रमाया ये समय जप तप का है जितना इस समय का सदुपयोग जप तप के लिए कर सकते है उतना करना चाहिए। जप तप का उद्देश्य कर्म निर्जरा रहनी चाहिए। अनुष्ठान में पूरे चोखले से श्रावक श्राविका ने हिस्सा लिया।
साथ ही 9 दिन के आयम्बिल भी साध्वी प्रज्ञाश्रीजी ओर साध्वी सरल प्रभाजी की विशेष प्रेरना से महिला मंडल द्वारा करवाये जा रहै है जिसमे 9 दिन कलर थेरेपी से भी आयम्बिल किये जा सकते है।सभा तेयुप का पूर्ण सहयोग व्यवस्था में मिल रहा है।
आज प्रथम दिन सामूहिक रूप से साध्वी श्रीजी के सानिध्य में लगभग 103 आयम्बिल हुए।
वसई नवान्हीक अनुष्ठान एवं आयम्बिल अनुष्ठान
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