भायंदर। भायंदर- युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या शासन श्री ‘साध्वी श्री विद्यावतीजी’ द्वितीय’ ठाणा 5 के सानिध्य में मासखमण तप अभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र का उच्चारण करने के बाद नानालालजी डांगी तेरापंथी सभा के अध्यक्ष भगवतीलालजी भंडारी तेरापंथ महिला मंडल की सहसंयोजिका रेखा लुणीया, सुनील डांगी,
मुंबई तेरापंथी सभा के कोषाध्यक्ष हस्तीमलजी डांगी, मलाड तेरापंथी सभा के अध्यक्ष इंदरमलजी कच्छारा, अरुणाजी चोरडिया, तूलिका डोगी, छतरली खटेड विनोद डांगी आदि ने अनुमोदना में भाव प्रकट किये। विनोदजी डांगी की धर्मपत्नी श्रीमती ममता डांगी (तेरापंथ महिला मंडल की संयोजिका) मासखमण तप की ओर अग्रसर है। साध्वी मृदुयशाजी ने साध्वी प्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन किया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने आकर्षक शब्द चित्र प्रस्तुत किया। श्रीमती ममता भंडारी एवं संगीता हिंगड ने सुंदर परिसंवाद प्रस्तुत किया। तेरापंथ महिला मंडल, दर्शना ग्रुप एवं डांगी परिवार की बहिनों ने गीत के माध्यम से अनुमोदना की।
साध्वी श्री प्रियंवदाजी ने कहा- तपस्या नही कर पाता है जिसका मनोबल मजबूत हो, मन में उत्साह हो एवं पारिवारिक सहयोग हो। शासन श्री साध्वी श्री विद्यावतीजी ने कहा-तपस्या कर्म निर्जरा का साधन
है। तपस्या से आत्मा निर्मल, पवित्र एवं उज्ज्वल होती है। तपस्या से ऊर्जा का संचय होता है। आत्मशक्ति प्रबल होती है। साध्वी श्री जी ने तपस्विनी बहिन ममता डांगी को मासखमण के प्रत्याख्यान करवाये। उपस्थित जनसमूह से ॐ अर्हम् की ध्वनि से हर्ष प्रकट किया।
मुंबई तेरापंथ महिला मंडल की तरफ से श्रीमती कांता बच्छावत, सुमन सिंधी एवं मीना वडाला ने भाव प्रकट करते हुए स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। तेरापंथी सभा द्वारा भी सम्मान किया गया।
साध्वी श्री प्रेरणाश्रीजी, साध्वी श्री मृदुयशाजी एवं साध्वी श्री ऋद्धियशाजी ने गीत का संगान किया। आभार ज्ञापन तेरापंथी सभा के मंत्री रूपसिंहजी गोठीने किया एवं कार्यक्रम का संचालन उपासक परेश भंडारी ने कुशलता पूर्वक किया।
- समाचार साभार जैन तेरापंथ न्यूज मुंबई भायंदर से पारस कच्छारा