- प्राच्य विद्याओं का भंडार है जैन विद्याः मुनि रमेश कुमार
ओडिशा। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा टिटिलागढ के तत्वावधान में आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार के सान्निध्य में जैन विद्या सम्मान और दिनेश जैन के अट्ठाई तप पर अभिनंदन समारोह का आयोजन तेरापंथ भवन में हुआ। जैन विद्या में गत वर्ष उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को केन्द्र से प्राप्त प्रमाण पत्र को टिटिलागढ परीक्षा केन्द्र व्यस्थापक श्री रुप चंद जैन ने वितरित किया । जैन तत्व विद्या का महत्व बताते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा- जैन दर्शन एक प्राचीन भारतीय दर्शन है। इसमें अहिंसा को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। जैन धर्म में 24 तीर्थंकर समय-समय पर हुए है ।वे संसार चक्र में फसें जीवों के कल्याण के लिए उपदेश देने इस धरती पर आते है। वर्तमान में भगवान महावीर के द्वारा प्रतिपादित तत्वों के आधार से जैन दर्शन का का उदय हुआ । जैन दर्शन के अनुसार जीव और कर्मों का यह सम्बन्ध अनादि काल से है। जीव इन कर्मों को अपनी आत्मा से सम्पूर्ण रूप से मुक्त कर देता है तो वह आत्मा स्वयं भगवान बन जाता है। लेकिन इसके लिए उसे सम्यक पुरुषार्थ करना पड़ता है। यह जैन धर्म की मौलिक मान्यता है। जैन तत्व दर्शन में जीव – अजीव , पर्याप्ति -प्राण , पुद्गल और पुद्गल का परिणमन कैसे होता इसे गहराई से समझाया गया है।
जैन दर्शन के प्रमुख ग्रन्थ आगम कहलाते हैं । इनकी भाषा अर्ध मागधी प्राकृत भाषा है। आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित तत्त्वार्थ सूत्र का निर्माण संस्कृत भाषा में किया। वह पहला ग्रन्थ है जिसमें संस्कृत भाषा के माध्यम से जैन सिद्धान्तों के सभी अंगों का पूर्ण रूप से वर्णन किया गया है। इसके पश्चात् अनेक जैन विद्वानों ने संस्कृत में व्याकरण, जैन न्याय दर्शन, काव्य, नाटक आदि की रचना की। जैन आगमों में ज्ञान – विज्ञान, इतिहास, खगोल – भूगोल का विशद चर्चा है। आधुनिक विज्ञान ने भी जैन तत्वों की सचाई को स्वीकार करता है। इस तरह प्राच्य विद्याओं का भंडार है जैन तत्व विद्या।
मुनि रत्न कुमार ने कहा- तपस्या दृढ मनोबल से होती है। टिटिलागढ के किशोरों में अच्छी तपस्या हो रही है। यह क्रम चलता रहना चाहिए। तपस्या के साथ साथ ज्ञानार्जन के क्षेत्र में भी किशोर आगे बढे ।
तप अभिनंदन कार्यक्रम का शुभारंभ टिटिलागढ तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। टिटिलागढ सभा के उपाध्यक्ष श्री भूपेंद्र जैन, तेयुप मंत्री श्री राहुल जैन, महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती सरोज जैन,कन्या मंडल से सुश्री श्रुति जैन, किशोर मंडल के तरुण जैन,तपस्वी दिनेश जैन के परिवार से आरती जैन, दिव्या जैन एवं श्रीमती संध्या जैन आदि ने तप अभिनंदन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा उपाध्यक्ष श्री रुप चंद जैन ने किया।